Currency Market क्या होता है ?

Currency Market क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में Currency Market क्या होता है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले हैं।

जैसे कि ;- 1. Currency Market क्या होता है ?

2. Currency Trading कितने प्रकार की होती हैं ?

3. दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले टॉप 5 Currency Pairs कौन से हैं ?

4. Currency Market में ट्रेड करने के क्या Advantages होते हैं ?

5. Currency Market में ट्रेड करने के क्या Disadvantages होते हैं ?

6. हम Currency Market में कैसे Trade कर सकते हैं ?

1. Currency Market क्या होता है ?

Currency Market एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत (Global Decentralized) बाजार होता है, जहाँ पर Stock Market और Commodity Market की तरह ही Exchange और Broker के माध्यम से Investors और Traders आपस में Market में “Listed Currency Pairs” जैसे कि EUR/USD, USD/JPY, GBP/USD, USD/INR, EUR/INR आदि में Virtually रूप में एक दूसरे के साथ खरीदी-बिक्री करते रहते हैं। जिसे हम Currency Market या मुद्रा बाज़ार कहते हैं।

जैसे कि Stock Market और Commodity Market में Stocks और Commodities को लोगों द्वारा आपस में खरीदा और बेचा जाता है, उसी प्रकार Currency Market में, मुद्राओं (Currencies) को लोगों द्वारा आपस में खरीदा और बेचा जाता है।

लेकिन Stock Market और Currency Market में थोड़ा सा अंतर होता है, और वह अंतर यह होता है कि Stock Market प्रत्येक देश का अलग-अलग होता है और उसे उस देश की Government द्वारा ही नियंत्रित (Regulate) किया जाता है, अर्थात प्रत्येक देश का अपने स्टॉक मार्केट पर पूरा नियंत्रण होता है। जबकि दूसरी तरफ, Currency Market एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत (Global Decentralized) बाजार होता है, जिसे किसी भी एक देश की Government द्वारा या अन्य कई देशों की Governments द्वारा मिलकर भी पूरी तरह से नियंत्रित (Regulate) नहीं किया जा सकता है।

अगर आसान शब्दों में कहा जाए, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि Stock Market एक केंद्रीकृत (Centralized) बाजार होता है, जिसे किसी भी एक देश की Government द्वारा पूरी तरह से नियंत्रित (Regulate) किया जा सकता है। जबकि Currency Market और Commodity Market एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत (Global Decentralized) बाजार होते हैं, जिन्हें किसी भी एक देश की Government द्वारा या अन्य कई देशों की Governments द्वारा मिलकर भी पूरी तरह से नियंत्रित (Regulate) नहीं किया जा सकता है।

Centralized (केंद्रीकृत)

जब किसी कार्य पर एक व्यक्ति, एक कंपनी, या एक देश की सरकार का पूरा नियंत्रण या अधिकार होता है, तो उसे हम Centralized (केंद्रीकृत) कहते हैं।

जैसे कि एक व्यक्ति के रूप में एक मुखिया का अपने परिवार पर, एक कंपनी के सीईओ (CEO) का अपनी कंपनी पर, एक तानाशाह का अपने देश पर, या एक बड़ी कंपनी का किसी खास सेक्टर, इंडस्ट्री, या टेक्नोलॉजी पर, और एक देश का अपनी सेना, पुलिस, शिक्षा प्रणाली और वित्तीय बाजार (Financial Market) पर पूर्णत: नियंत्रण या अधिकार होना, एक Centralized (केंद्रीकृत) बाजार के उदाहरण हैं।

Decentralized (विकेन्द्रीकृत)

जब किसी कार्य पर एक व्यक्ति, एक कंपनी, या एक देश की सरकार या अन्य कई देशों की सरकारों द्वारा मिलकर भी पूरी तरह से नियंत्रण या अधिकार नहीं किया जा सकता है, तो उसे हम Decentralized (विकेन्द्रीकृत) कहते हैं।

जैसे कि Internet, Blockchain, Peer-To-Peer (P2P) Network, Cryptocurrency, Commodity Market और Currency Market, इत्यादि सभी एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत (Global Decentralized) बाजार के उदाहरण हैं।

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि Currency Market” को हम “Foreign Exchange Market” या “Forex Market” के नाम से भी जानते है।

2. Currency Trading कितने प्रकार की होती हैं ?

Currency Trading पांच प्रकार की होती हैं।

1. Spot Trading

2. Forward Trading

3. Future Trading

4. Option Trading

5. Swap Trading

1. Spot Trading 

Spot Trading का मतलब होता है कि जिसमें हम सामने वाली Party को पैसे देकर या सामने वाली Party से पैसे लेकर Immediately किसी भी Currency को उसकी Currant Market Price के आधार पर खरीद और बेच सकते हैं, उसे हम Spot Trading कहते हैं।

अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि दो Different Currencies को तुरंत उनकी Currant Market Price के आधार पर आपस में बदलना (Exchange) करना, Spot Trading कहलाता है। 

जैसे कि किसी एक देश से दूसरे देश में यात्रा करने के लिए जाते समय, अपने देश की मुद्रा से उस देश की मुद्रा को खरीदना, या अपने देश की मुद्रा के साथ उस देश की मुद्रा को एक्सचेंज करना, स्पॉट ट्रेडिंग का एक उदाहरण है।

2. Forward Trading

Forward Trading का मतलब होता है कि जिसमें दो पार्टियाँ, Market में किसी भी Currency की कीमतों  में होने वाले उतार-चढ़ाव की अनिश्चितता (Uncertainty) के जोखिम से खुद को बचाने के लिए आपस में एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर किसी Currency की एक निश्चित राशि (Fix Amount) का सौदा या Contract करती है, उसे हम Forward Trading कहते हैं।

3. Future Trading

Future Trading का मतलब होता है कि जिसमें दो पार्टियाँ, Exchange और Broker के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर किसी Currency की एक निश्चित राशि (Fix Amount) का सौदा या Contract करती है, उसे हम Future Trading कहते हैं।

4. Option Trading

Option Trading  का मतलब होता है कि जिसमें दो पार्टियाँ, Exchange और Broker के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ Future Trading की तरह ही एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर किसी Currency की एक निश्चित राशि (Fix Amount) का सौदा या Contract करती है, उसे हम Option Trading कहते हैं।

लेकिन Option Trading में Buyer Party पर, मतलब कि मुद्राओं (Currencies) को खरीदने वाली Party पर, Future Trading की तरह उन Currencies को उस Fix Time Period के अंदर और उस Fix Price पर खरीदने के लिए कोई Obligation नहीं होता है, मतलब कि कोई बाध्यता नहीं होती है, जैसा कि Future Trading में होता है।

Option Trading में, Option Buy करने वाली Party के पास यह Rights होता है कि अगर वह किसी भी Reason के कारण उस Contract को पूरा नहीं करना चाहती है, तो वह उस Contract को Cancel भी कर सकती है। जबकि Future Trading में Buyer Party के पास ऐसे कोई भी Rights नहीं होते है।

5. Swap Trading

Currency Swap का मतलब होता है कि जिसमें दो कंपनियाँ या दो देश आपस में एक दूसरे के साथ एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर दो Different Currencies की एक निश्चित राशि (Fix Amount) को Exchange करने के लिए, या किसी एक Currency में लिए गए Loan की Principal Amount और Interest को, उतनी ही Amount में किसी दूसरी Currency में लिए गए Loan की Principal  Amount और Interest को आपस में Exchange करने के लिए, एक Contract साइन करते हैं, जिसे हम Currency Swap या Currency Swap Trading कहते हैं।

3. दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले टॉप 5 Currency Pairs कौन से हैं ?

दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले टॉप 5 Currency Pairs हैं।

1. EUR/USD (यूरो/अमेरिकी डॉलर)

2. USD/JPY (अमेरिकी डॉलर/जापानी येन)

3. GBP/USD (ब्रिटिश पाउंड/अमेरिकी डॉलर)

4. AUD/USD (ऑस्ट्रेलियाई डॉलर/अमेरिकी डॉलर)

5. USD/CHF (अमेरिकी डॉलर/कैनेडियन डॉलर)

4. Currency Market में ट्रेड करने के क्या Advantages होते हैं ?

Currency Market में ट्रेड करने के काफी Advantages होते है जो कि निचे दिए गए है।

Decentralized Market 

Currency Market एक वैश्विक विकेंद्रीकृत (Global Decentralized) बाजार होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खासियत है क्योंकि दुनिया भर के अनेक भागीदार (Participants) मिलकर इस बाजार को बनाते हैं, जिसके कारण कोई एक इकाई (Single Unit) इसे पूरी तरह से नियंत्रित नहीं कर सकती है। जिसके परिणामस्वरूप, Currency Market में कोई एक खिलाड़ी या कुछ मुट्ठी भर खिलाड़ी मिलकर मुद्राओं (Currencies) की कीमतों को नियंत्रित या उनमें हेरफेर (Dominate या Manipulate) नहीं कर सकते हैं।

Working 24 Hours A Day

Currency Market सप्ताह में पांच दिन, सोमवार से शुक्रवार 24 Hours खुला रहता है, जिसके कारण हम कभी भी इसमें Trading कर सकते हैं।

High Liquidity

Currency Market दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तरल (Liquid) बाजार है। इसका मतलब है कि Currency Market में दुनिया के किसी भी अन्य Market की तुलना में अधिक ट्रेडिंग की जाती है, और जिस Market में सबसे अधिक ट्रेडिंग की जाती है, उस Market में उच्च तरलता (High Liquidity) का होना निश्चित ही है।

दोस्तों, तरलता (Liquidity) का अर्थ होता है कि बाजार में किसी Share, Commodity, या Currency की प्रत्येक Price पर खरीदार (Buyers) और विक्रेता (Sellers) मौजूद हैं। जो कि इस बात को सुनिश्चित करता है कि हम किसी भी समय, किसी भी Share, Commodity, या Currency को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं।

Low Volatility

Currency Market बाकि अन्य सभी Markets से कम Volatile भी होता है, इसका मतलब है कि Currency Market में Currencies की कीमतों में होने वाला उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) बाकी अन्य सभी Markets में होने वाले उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) की तुलना में बहुत कम होता है।

जैसा कि आपने देखा होगा कि अगर एक डॉलर की कीमत 80 रूपये चल रही है तो उसकी कीमत अचानक से एक ही दिन में 75 या 85 रूपये नहीं हो जाती है। जबकि वहीं दूसरी तरफ, Stock Market में किसी भी कंपनी के शेयर की Price एक ही दिन में 5 से 10 प्रतिशत ऊपर-नीचे हो सकती है। लेकिन Currency Market में ऐसा नहीं होता है, Currency Market में Currencies की कीमतों में एक दिन में ज्यादा से ज्यादा Half या One Percent का उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) ही हमें देखने को मिल सकता है।

High Leverage 

Currency Market में हमें High Leverage का फायदा भी मिलता है। आमतौर पर, Currency Market में हमें 100x से लेकर 2000x तक का Leverage देखने को मिल सकता है, जो कि अन्य किसी भी Market की तुलना में बहुत ज्यादा है।

Currency Market को छोड़कर, हमें Crypto Market में भी 50x से लेकर 125x तक का Leverage देखने को मिलता है। अगर आप Currency Market या Crypto Market में Leverage का सही से उपयोग करते हैं तो आप बहुत कम समय में बहुत अच्छा पैसा बना सकते हैं।

Low Risk

Currency Market में Currencies की कीमतों में होने वाले कम उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) के कारण, यह बाजार अन्य सभी बाजारों की तुलना में कम जोखिम भरा (Risky) भी होता है। अगर आप कम Leverage के साथ इसमें अच्छे से ट्रेड करते हैं, तो यह आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है।

Low Initial Capital

Currency Market में अत्यधिक Leverage मिलने के कारण हम कम पूंजी (Capital) से भी Currency Market में ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं।

Low Transaction Costs

Currency Market में अन्य बाजारों की तुलना में कम लेनदेन शुल्क (Low Transaction Costs) होता है।

5. Currency Market में ट्रेड करने के क्या Disadvantages होते हैं ?

Currency Market में ट्रेड करने के कुछ Disadvantages भी होते है जो कि निचे दिए गए है।

Price Determination Process

Currency Market में Currencies की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) को मौलिक रूप से, अर्थार्त Fundamental तौर पर समझना या उसका कोई एक निष्कर्ष (Conclusion) निकालना काफी मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि Currencies की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (Price Fluctuation) में कई कारक (Factors) शामिल होते हैं। जो Currency Market में Currencies की मूल्य निर्धारण प्रक्रिया (Price Determination Process) को थोड़ा जटिल (Complicated) बना देते हैं।

High Leverage

Currency Market में High Leverage का होना, एक Advantage भी है,और एक Disadvantage भी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अगर आप बिना सोचे समझे ज्यादा Leverage लेकर Currency Market में ट्रेडिंग करने लगते हैं, तो आपके नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।

High Risk

Currency Market में High Leverage का होना, High Risk को भी Indicate करता है, जिसके कारण Currency Market में ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा हो सकता है।

6. हम Currency Market में कैसे Trade कर सकते हैं ?

Currency Market में Trading करने के लिए आपके पास एक Demat और Trading Account होना जरूरी होता है, और उसमें भी Currency का Segment Active होना आवश्यक है। अगर आपके पास Demat और Trading Account है पर उसमें Currency का Segment Active नहीं है, तो आप Currency Market में Trading नहीं कर पाएंगे।

Currency का Segment Active करवाने के लिए आपको Income Proof की आवश्यकता होती है, जैसे कि पिछले 6 महीनों की आपकी बैंक स्टेटमेंट या फिर आपकी सैलरी स्लिप।

दोस्तों, आप किसी भी Discount Broker के पास अपनी कुछ Basic Information और Income Proof के माध्यम से अपना Demat और Trading Account Open करवा सकते हैं और उसमें आसानी से Currency का Segment Active भी कर सकते हैं। उसके बाद आप Currency Market में Trading कर पाएंगे।

Important Points

  • Currency Market एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत (Global Decentralized) बाजार होता है, जहाँ पर Stock Market और Commodity Market की तरह ही Exchange और Broker के माध्यम से Investors और Traders आपस में Market में “Listed Currency Pairs” जैसे कि EUR/USD, USD/JPY, GBP/USD, USD/INR, EUR/INR आदि में Virtually रूप में एक दूसरे के साथ खरीदी-बिक्री करते रहते हैं। जिसे हम Currency Market या मुद्रा बाज़ार कहते हैं।
  • अगर मैं आपको आसान शब्दों में बताऊं कि Currency Market क्या होता है ?, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि Currency Market एक Global Marketplace होता है, एक Global Network होता है जहाँ पर लोगो द्वारा आपस में अलग-अलग Currencies को खरीदा और बेचा जाता है या उन्हें आपस में Exchange किया जाता है। दोस्तों, ऐसी जगह को ही हम Currency Market या मुद्रा बाजार कहते हैं।
  • जब किसी कार्य पर एक व्यक्ति, एक कंपनी, या एक देश की सरकार का पूरा नियंत्रण या अधिकार होता है, तो उसे हम Centralized (केंद्रीकृत) कहते हैं।
  • जब किसी कार्य पर एक व्यक्ति, एक कंपनी, या एक देश की सरकार या अन्य कई देशों की सरकारों द्वारा मिलकर भी पूरी तरह से नियंत्रण या अधिकार नहीं किया जा सकता है, तो उसे हम Decentralized (विकेन्द्रीकृत) कहते हैं।
  • Currency Market दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तरल (Liquid) बाजार है, और इसमें प्रतिदिन 5.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का व्यापार होता है।
  • दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेड की जाने वाली टॉप 5 Currencies हैं – USD (अमेरिकी डॉलर), EUR (यूरो), JPY (जापानी येन), GBP (ब्रिटिश पाउंड) और AUD (ऑस्ट्रेलियन डॉलर) आदि।
  • Currency Swap दो प्रकार के होते हैं: जैसे कि Currency Exchange Swap (मुद्रा विनिमय) और Loan Currency Swap (ऋण मुद्रा विनिमय)।
  • Currency Exchange Swap का मतलब होता है कि जिसमें दो पार्टियाँ एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर दो Different Currencies की एक निश्चित राशि (Fix Amount) को Exchange करने के लिए आपस में एक Contract साइन करती हैं, जिसे हम Currency Exchange Swap कहते हैं।
  • Loan Currency Swap का मतलब होता है कि जिसमें दो पार्टियाँ दो Different Currencies में लिए गए Loan की Principal Amount और Interest को आपस में Exchange करने के लिए, एक Contract साइन करती हैं, जिसे हम Loan Currency Swap कहते हैं।
  • Currency Market में ट्रेडिंग Currency Pairs (मुद्रा जोड़ों) में की जाती है। और प्रत्येक Currency Pair में दो मुद्राएं शामिल होती हैं, जैसे USD/INR, EUR/USD, और USD/JPY आदि।
  • Currency Market में जब हम USD/INR का जोड़ा (Pair) खरीदते हैं, तो उसका यह मतलब होता है कि हम USD (अमेरिकी डॉलर) खरीदने के लिए INR (भारतीय रूपये) का भुगतान कर रहे हैं। दोस्तों, USD/INR का जोड़ा (Pair) खरीदने के बाद अगर USD की कीमत INR के मुकाबले में बढ़ती है, तो इससे हमें लाभ होता है और इसके ठीक विपरीत, जब INR की कीमत USD के मुकाबले में बढ़ती है तो इससे हमें नुकसान होता है।
  • एक मुद्रा जोड़ी (Currency Pair) में दो मुद्राएं शामिल होती हैं। जिसमें पहली मुद्रा को “Base Currency” अर्थार्त “आधार मुद्रा” कहा जाता है जबकि दूसरी मुद्रा को “Quote Currency” अर्थार्त “उद्धरण मुद्रा” कहा जाता है। जैसे कि USD/INR की जोड़ी में USD (अमेरिकी डॉलर) एक Base Currency अर्थार्त आधार मुद्रा है जबकि INR (भारतीय रुपया) एक Quote Currency अर्थार्त उद्धरण मुद्रा है।
  • Currency Pairs (मुद्रा जोड़ों) में “Base Currency” अर्थार्त “आधार मुद्रा” की कीमत “Quote Currency” अर्थार्त “उद्धरण मुद्रा” की तुलना में अधिक होती है।
  • USD/INR के Pair (जोड़ी) का मतलब होता है कि हम 1 USD खरीदने के लिए कितने INR का भुगतान कर रहे हैं, ठीक इसी प्रकार, EUR/USD के Pair (जोड़ी) का मतलब होता है कि हम 1 EUR खरीदने के लिए कितने USD का भुगतान कर रहे हैं।

NOTE;- अगर आपके पास अभी तक Demat और Trading Account नहीं है, तो आप निचे दिए गए Link पर Click करके भारत के प्रमुख Discount Broker के पास अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं और Stock Market में Invest कर सकते हैं।

So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Currency Market क्या होता है ? तो आपको Currency Market पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे Comments करके जरूर बताइयेगा।

धन्यवाद ।। ”

 

 

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