शेयर बाजार कैसे काम करता है ? चलिए, इसे हम एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।

मान लेते हैं कि हमें किसी XYZ Limited कंपनी के शेयर्स को खरीदना या बेचना है।

तो इसके लिए हमें सबसे पहले एक Broker की आवश्यकता होती है, मतलब की एक Middle Man की आवश्यकता होती है जो हमें किसी भी Listed कंपनी के शेयर्स को खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है।

दोस्तों, बिना किसी ब्रोकर के हम किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीद और बेच नहीं सकते हैं।

जैसे कि Zerodha, Upstox, और Groww जो की एक डिस्काउंट ब्रोकर हैं, जो हमें स्टॉक मार्केट में किसी भी Listed कंपनी के शेयर्स को खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करते हैं।

तो Example के अनुसार, यदि हमें किसी XYZ Limited कंपनी के शेयर्स को खरीदना या बेचना है, तो यह काम हम दो तरीकों से कर सकते हैं।

अगर हमारा Demat और Trading Account किसी Full Time Broker के पास है, तो ऐसी Situation में हमें अपने Broker से Call या Messages के माध्यम से संपर्क करना होता है और उसे उस XYZ Limited कंपनी के शेयर्स को खरीदने या बेचने के लिए कहना होता है। 

और अगर हमारा Demat और Trading Account किसी Discount Broker के पास है, तो ऐसी Situation में हम अपने Broker द्वारा Provide की गई Website या Software के माध्यम से खुद से ही किसी भी XYZ Limited कंपनी के शेयर्स को खरीद और बेच सकते हैं।

दोस्तों, Broker का काम होता है हमारे Buy और Sell Order को Exchange के पास पहुंचाने का।

और जब हमारे Buy और Sell Order Exchange के पास पहुंच जाते हैं, तब फिर Exchange का काम होता है Buyer और Seller के Order को मिलाने का और उसे Confirm करके वापस Broker के पास भेजने का।

और जब Broker के पास Exchange से Conformation का Order आ जाता है, तब Broker Buyer और Seller का सौदा पूरा करता है।

जिससे Seller के Demat Account से शेयर्स Buyer के Demat Account में चले जाते हैं और Buyer के Trading Account से उन शेयर्स के पैसे Seller के Trading Account में चले जाते हैं, और इस तरह से Buyer और Seller के बीच में एक सौदा पूरा होता है।

Demat और Trading Account की सुविधा भी हमें Broker ही प्रदान करते हैं। जैसे हमारा Bank में Saving Account होता है, जिसमें हम अपने पैसे रखते हैं, ठीक वैसे ही Broker के पास हमारे Demat और Trading Account होते हैं।

Demat Account में हम जो कंपनियों के शेयर्स खरीदते हैं, उन्हें रखा जाता है जबकि Trading Account में हमें पैसे रखने की सुविधा मिलती है।

दोस्तों, जब हम अपने System में Buying और Selling का Order डालते हैं, तो उस Order को सही तरीके से पूरा करने का ध्यान रखता है "Clearing House".

"Clearing House" Buyers और Sellers को एक गारंटी देता है कि उनका यह लेन-देन का सौदा सही तरीके से पूरा होगा।

और इन सबके ऊपर होता है SEBI (Securities And Exchange Bord Of India) (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) जो कि पूरे Stock Market को Regulate करने का काम करता है।

मतलब की Stock Market में सब काम सही से हो, उसके लिए नियम और कायदे  कानून बनाता है। सेबी (SEBI) का मुख्य उद्देश्य होता है भारतीय शेयर बाजार को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाएं रखना।

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