PB Ratio क्या होता है ?

PB Ratio क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में PB Ratio क्या होता है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले हैं।

जैसे कि ;- 1. PB Ratio का Full Form क्या होता है ?

2. PB Ratio क्या होता है ?

3. Tangible Assets क्या होते है ?

4. Intangible Assets क्या होते है ?

5. PB Ratio से हमें किसी भी कंपनी के बारे में क्या पता चलता है ?

6. PB Ratio हमें कहाँ USE करना चाहिए ?

7. PB Ratio हमें कहाँ USE नहीं करना चाहिए ?

8. Appreciating Assets क्या होते है ?

9. Depreciating Assets क्या होते है ?

10. हम कैसे किसी भी कंपनी का PB Ratio Check कर सकते हैं ?

1. PB Ratio का Full Form क्या होता है ?

PB Ratio का Full Form होता है (Price to Book Value Ratio / मूल्य से बुक मूल्य अनुपात) 

2. PB Ratio क्या होता है ?

दोस्तों, PB (Price to Book Value) Ratio का सम्बंध एक कंपनी के शेयर की Current Market Price और उस कंपनी की Book Value से होता है।

PB Ratio में “P” का मतलब एक कंपनी के शेयर की “Current Market Price” से होता है और “B” का मतलब उस कंपनी की “Book Value” से होता है, मतलब की दोस्तों, PB Ratio एक कंपनी के शेयर की Current Market Price और उस कंपनी की Book Value में Relation को दर्शाता है।

PB Ratio से हमें पता चलता है कि एक कंपनी का शेयर Market में अपनी Book Value से या Assets Value से कितने ज्यादा या कितने कम प्राइस पर ट्रेड कर रहा है। अगर किसी कंपनी का PB (Price to Book Value) Ratio 2 है, तो इसका मतलब होता है कि उस कंपनी का शेयर Market में अपनी Book Value से या Assets Value से 2 गुना प्राइस पर ट्रेड कर रहा है।

PB Ratio को सही से समझने के लिए, हमें सबसे पहले एक कंपनी की Book Value और Per Share Book Value को जानना बहुत जरूरी होता है।

तो मैं अभी आपको शॉर्ट में बता देता हूँ कि ‘Book Value’ और ‘Per Share Book Value’ क्या होते हैं ताकि आपको ‘PB Ratio’ को सही से समझने में आसानी हो। आने वाले Articles में हम Book Value और Per Share Book Value के बारे में Details में जानेंगे।

Book Value का मतलब होता है कि एक कंपनी के सभी Tangible Assets को बेचकर उसमें से उस कंपनी की सभी Liabilities (कर्ज) को चुकाने के बाद जो पैसा कंपनी के पास बचता है, उसे हम उस कंपनी की Book Value या Assets Value कहते हैं।

और Per Share Book Value का मतलब होता है कि जब हम किसी कंपनी की Book Value को उस कंपनी के सभी Total Numbers Of Outstanding Shares से Divide करते हैं, तो उसके बाद हमारे सामने जो Value निकलकर आती है, उसी को हम उस कंपनी की Per Share Book Value कहते हैं। मतलब कि दोस्तों, Book Value एक कंपनी की Total Assets Value को दर्शाता है, जबकि Per Share Book Value उस कंपनी के एक शेयर की Assets Value को दर्शाता है।

चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।

मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके Total Tangible Assets की Value 100 करोड़ रुपये है।

और उस कंपनी पर Total Liabilities (कर्ज) 15 करोड़ रुपये का है।

तो, उस ABC Limited कंपनी की Book Value होगी।

Book Value = Total Tangible Assets – Total Liabilities

100 करोड़ – 15 करोड़ = 85 करोड़

तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी की Book Value 85 करोड़ रूपये होगी।

कंपनी की Book Value निकालने के बाद, अब उस कंपनी की Per Share Book Value निकालने के लिए, हम मान लेते हैं कि उस ABC Limited कंपनी के सभी Total Numbers Of Outstanding Shares की संख्या 5 करोड़ है।

तो, उस ABC Limited कंपनी की Per Share Book Value होगी।

Per Share Book Value = Book Value / Total Numbers Of Outstanding Shares 

85 करोड़ / 5 करोड़ = 17 रूपये 

तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी की Per Share Book Value 17 रूपये होगी।

कंपनी की Per Share Book Value निकालने के बाद, हम उस कंपनी का PB (Price to Book Value) Ratio आसानी से निकाल सकते हैं।

किसी भी कंपनी का PB Ratio निकालने के लिए हमें जरूरत होती है उस कंपनी के शेयर की Current Market Price की और उस कंपनी के Per Share Book Value की।

तो मान लेते हैं कि उस कंपनी के शेयर की Current में Market Price 100 रूपये चल रही हैं।

और हमने उस कंपनी की Per Share Book Value 17 रूपये निकाली थी।

तो, उस ABC Limited कंपनी का PB Ratio होगा।

PB Ratio = Share Current Market Price / Per Share Book Value

100 रूपये / 17 रूपये = 5.88

तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी का PB (Price to Book Value) Ratio 5.88 होगा।

दोस्तों, इस 5.88 PB (Price to Book Value) Ratio का मतलब होता है कि उस ABC Limited कंपनी के शेयर की Price Market में अपनी Book Value या Assets Value से 5.88 गुना या 588 प्रतिशत अधिक कीमत पर ट्रेड कर रही है।

दोस्तों, मैं आपको बता दूँ कि हम PB Ratio को एक कंपनी के Market Cap और उस कंपनी की Book Value को आपस में Divide करके भी निकाल सकते हैं।

तो, जैसा कि हमने ऊपर देखा है, कंपनी ABC Limited के सभी Total Numbers Of Outstanding Shares की संख्या 5 करोड़ है और उस कंपनी के शेयर की Current में Market Price 100 रूपये चल रही हैं।

तो, उस ABC Limited कंपनी का Market Cap होगा।

Market Cap = Total Number Of  Outstanding Shares × Share Current Market Price

5 करोड़ * 100 रूपये = 5 अरब 

और हमने उस ABC Limited कंपनी की Book Value 85 करोड़ रूपये निकाली थी।

तो, उस ABC Limited कंपनी का PB Ratio होगा।

PB Ratio = Market Cap / Book Value

5 अरब  / 85 करोड़ = 5.88

तो दोस्तों, इस तरह से हम किसी भी कंपनी का Book Value, Per Share Book Value और Price to Book Value Ratio आसानी से निकाल सकते हैं।

अगर आप Market Cap के बारे में Details में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आप हमारा Market Cap पर लिखा हुआ Article पढ़ सकते हैं।

3. Tangible Assets क्या होते है ?

Tangible Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको हम हाथ से छू सकते हैं और आँखों से देख सकते हैं, यानी की ऐसे Assets जिनका एक भौतिक रूप होता है जिनको हम Touch And Feel कर सकते है, ऐसे Assets को हम Tangible Assets कहते हैं।

क्योंकि सभी Tangible Assets Physical Form में होते है, उनका एक आकार या आकृति होती है, इसलिए इन Assets को Tangible Assets कहा जाता है।

अगर मैं आपको दूसरे शब्दों में बताऊ कि Tangible Assets क्या होते है, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि एक कंपनी के ऐसे Assets जिनका हम Accounting (गणना) के तोर पर एक Exact Value लगा सकते है, एक Exact कीमत लगा सकते है, उन Assets को हम Tangible Assets कहते हैं।

जैसे कि :-

  • Plants (पौधे)
  • Buildings (इमारते)
  • Equipment (उपकरण)
  • Land (जमीन)
  • Inventory (भंडार)
  • Furniture (फर्नीचर)
  • Machinery (मशीनरी)
  • Vehicles (वाहन)

दोस्तों, अक्सर कंपनी के पास जो Cash रखा हुआ होता है, उसे और कंपनी की कहीं पर कोई Investment की गई हो, जैसे कि स्टॉक्स या बांड्स में, तो उसे भी कई बार कंपनी के Tangible Assets की List में शामिल कर लिया जाता है। 

लेकिन मैं आपको बता दूँ कि Cash और Investment कंपनी के Tangible Assets की Category में नहीं आते हैं, वो कंपनी के Financial Assets की Category में आते हैं।

4. Intangible Assets क्या होते है ?

Intangible Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको हम हाथ से छू नहीं सकते और ना ही आँखों से देख सकते हैं, यानी की ऐसे Assets जिनका कोई भौतिक रूप नहीं होता है जिनको हम Touch And Feel नहीं कर सकते है, ऐसे Assets को हम Intangible Assets कहते हैं।

क्योंकि Intangible Assets Non Physical Assets होते हैं, मतलब की Intangible Assets का कोई आकार या आकृति नहीं होती है वो Virtual होते है, इसलिए इन Assets को Intangible Assets कहा जाता है और हिंदी में इनको “अमूर्त सम्पत्ति” कहा जाता है।

अगर मैं आपको दूसरे शब्दों में बताऊ कि Intangible Assets क्या होते है, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि एक कंपनी के ऐसे Assets जिनका हम Accounting (गणना) के तोर पर कोई एक Exact कीमत नहीं लगा सकते है ,उन Assets को हम Intangible Assets कहते हैं।

जैसे कि :-

  • Goodwill
  • Brand Recognition
  • Copyrights
  • Patents
  • Trademarks
  • Trade Names
  • Customer Lists
  • Software Licenses
  • Logo
  • Technology
  • Employees
  • Leadership
  • Strategy

5. PB Ratio से हमें किसी भी कंपनी के बारे में क्या पता चलता है ?

  1. PB Ratio से हमें पता चलता है कि Market में एक कंपनी का शेयर अपनी Book Value से या Assets Value से कितने ज्यादा या कितने कम प्राइस पर ट्रेड कर रहा है।
  2. PB Ratio की Help से हम एक ही Industry की दो कंपनियों के बीच तुलना करके यह जान सकते हैं कि किस कंपनी का शेयर हमें अपनी Book Value के आधार पर सस्ता मिल रहा है और किस कंपनी का शेयर हमें अपनी Book Value के आधार पर महंगा मिल रहा है।

6. PB Ratio हमें कहाँ USE करना चाहिए ?

PB (Price to Book Value) Ratio या Book Value का Direct सम्बंध एक कंपनी के Tangible Assets से होता है। इसलिए, जिस कंपनी के पास जितने ज्यादा Tangible Assets होते है, उस कंपनी की Book Value उतनी ही अधिक होती है और PB Ratio उतना ही कम होता है।

तो इसलिए हमें PB Ratio और Book Value का उपयोग ऐसी Industries की कंपनियों में करना चाहिए, जिनको अपना Business चलाने के लिए ज्यादा पैसा Hard Assets, मतलब की Tangible Assets, खरीदने में लगाने पड़ते हो। यानी कि ऐसी कंपनियां जो अपने Business को चलाने के लिए Tangible Assets पर अधिक Depend करती हैं। ऐसी कंपनियों में हम Fundamental Analysis के लिए PB Ratio और Book Value का उपयोग कर सकते हैं।

दोस्तों, “Hard Assets” या “Tangible Assets” जैसे कि जमीन, मशीने, कार, इमारतें, फर्नीचर, या ऐसी कोई भी चीज जिसे हम अपनी आँखों से देख सकते हैं और हाथों से छू सकते हैं, वो “Hard Assets” या “Tangible Assets” की Category में आती हैं। ❞

अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि ऐसी कम्पनियाँ जो Branded Products ज्यादा नहीं बेचती हैं, बल्कि Commodity Products को बेचती हैं, ऐसी कंपनियों में हम PB Ratio और Book Value का उपयोग कर सकते हैं।

जैसे कि :-

  • Steel Companies
  • Power Companies
  • Manufacturing Companies
  • Oil Companies
  • Infra Companies
  • Chemical Production Companies
  • Real Estate Companies

और Banking कंपनियों में भी, हम PB (Price to Book Value) Ratio और Book Value का उपयोग Fundamental Analysis के लिए कर सकते हैं क्योंकि बैंकों के पास वित्तीय संपदा (Financial Assets) होते है।

दोस्तों, कई बार कुछ कंपनियों की Earnings को Analyze करना बहुत मुश्किल हो जाता है, Especially तब जब किसी कंपनी की Earnings अचानक से किसी साल बहुत कम हो जाती है या फिर Negative में चली जाती है। तो ऐसी Situation में उस कंपनी की Earnings को Analyze करना बहुत मुश्किल हो जाता है, लेकिन हो सकता है कि उस कंपनी का Future Outlook काफी अच्छा हो, यानी कि हो सकता है कि वो कंपनी आने वाले समय में अच्छा Perform करे और हमेशा Loss में ना रहे, तो ऐसे Case में भी हम एक कंपनी के शेयर की Actual कीमत को जानने  के लिए PB Ratio और Book Value का उपयोग कर सकते हैं।

और दोस्तों, जैसा कि हमने अपने PE (Price to Earnings) Ratio वाले Article में बात की थी, कुछ ऐसी Industries की जो काफी Cyclical (चक्रीय) होती हैं, जहाँ पर हमें PE Ratio Fundamental Analysis के लिए ज्यादा कुछ काम नहीं आता है, तो ऐसे Case में हम उन Cyclical (चक्रीय) Industries की कंपनियों और उनके शेयर्स की Actual कीमत को जानने के लिए भी PB Ratio और Book Value का उपयोग कर सकते हैं।

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि Asset Heavy Industries में PB Ratio और Book Value का उपयोग करने के साथ साथ हमें एक बात पर और ध्यान देना चाहिए। कि जिस कंपनी का PB Ratio और Book Value हम चेक कर रहे हैं, उस कंपनी के जो Assets हैं, वो किस Types के Assets हैं ?, मतलब कि उनकी Quality क्या है ? क्या वो Appreciating Assets हैं या फिर वो Depreciating Assets हैं ? अगर किसी कंपनी के पास Appreciating Assets ज्यादा हैं, तो यह PB Ratio और Book Value के लिहाज से एक Investor के लिए अच्छी बात होती है।

7. PB Ratio हमें कहाँ USE नहीं करना चाहिए ?

दोस्तों, जैसा कि हमने ऊपर बात की थी, कि कंपनी के PB Ratio और Book Value का Direct सम्बंध एक कंपनी के Hard Assets, मतलब की Tangible Assets से होता है, तो हमें ऐसी Industries की कंपनियों में PB Ratio और Book Value का उपयोग Fundamental Analysis के लिए नहीं करना चाहिए, जिन कंपनियों को अपना Business चलाने के लिए ज्यादा Hard Assets, यानि की Tangible Assets की जरूरत नहीं पड़ती है, मतलब की ऐसी कंपनियां जिनको अपना Business चलाने के लिए Tangible Assets की बजाय Intangible Assets की ज्यादा जरूरत पड़ती है, ऐसी कंपनियों में हमें Fundamental Analysis के लिए PB Ratio और Book Value का उपयोग नहीं करना चाहिए।

क्योंकि ऐसी कंपनियों के पास Hard Assets ज्यादा नहीं होते हैं, इसके कारण उन कंपनियों की Book Value बहुत कम होती है, और PB Ratio बहुत अधिक होता है। जिसके कारण हमें लग सकता है कि उस कंपनी का शेयर Market में अपनी Book Value से बहुत ज्यादा कीमत पर ट्रेड कर रहा है। मतलब कि हमें उन कंपनियों के शेयर्स की कीमत उन कंपनियों की Book Value के Comparison में बहुत ज्यादा लग सकती है।

अगर आसान शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि हमें उन कंपनियों के शेयरों की कीमत, उनकी Book Value के Comparison में बहुत ज्यादा Expensive लग सकती है। जिसके कारण हो सकता है कि हम किसी अच्छी कंपनी के शेयर्स को खरीदने से रह जाएँ।

For Example ;- अगर हम Apple कंपनी को उसके Hard Assets यानी की Tangible Assets के आधार पर Judge करना चाहें, कि Apple कंपनी के पास कितनी Land, Plants, Buildings, Furniture, और कितनी Factories हैं, तो क्या वो Apple कंपनी को Judge करने का सही तरीका होगा ? नहीं ना, क्योंकि Apple कंपनी की Value उसके Brand से निकलकर आती है और Brand को PB Ratio और Book Value में शामिल नहीं किया जाता है।

अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि ऐसी कंपनियाँ जो Branded Products ज्यादा बेचती हैं, ना की Commodity Products, ऐसी कंपनियों में हमें PB Ratio और Book Value का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी कंपनियों के बारे में हमें PB Ratio और Book Value से ज्यादा कुछ खास जानकारी का पता नहीं चलता है। इसलिए, हमें ऐसी कंपनियों को PB Ratio और Book Value के आधार पर Judge नहीं करना चाहिए। 

जैसे कि ;-
  • Technology Companies
  • Service Companies
  • Consulting Companies
  • Software Companies,,
  • IT Companies

इस तरह की कंपनियों में हमें PB Ratio और Book Value की जगह उन कंपनियों के PE (Price to Earnings) Ratio को देखना चाहिए, ताकि हमें उन कंपनियों के बारे में एक सही जानकारी मिल सके।

8. Appreciating Assets क्या होते है ?

Appreciating Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको खरीदने के बाद Time के साथ-साथ उनकी कीमत बढ़ती जाती है ऐसे Assets को हम Appreciating Asset कहते हैं।

जैसे कि :- 

  • Land
  • Real Estate
  • Stocks
  • Mutual Funds
  • Fixed Deposits
  • ETF
  • Public Provident Fund (PPF)
  • Gold

9. Depreciating Assets क्या होते है ?

Depreciating Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको खरीदने के बाद Time के साथ-साथ उनकी कीमत घटती जाती है, कम होती जाती है ऐसे Assets को हम Depreciating Assets कहते हैं।

जैसे कि :- 

  • Machines
  • Vehicles
  • Office Buildings
  • Furniture
  • Computers

10. हम कैसे किसी भी कंपनी का PB Ratio Check कर सकते हैं ?

दोस्तों, हम Investing.com, Moneycontrol.com और Ticker – Finology जैसी Website पर जाकर किसी भी कंपनी का PB Ratio चेक कर सकते हैं। निचे Ticker – Finology Website पर जाकर हम कैसे किसी भी कंपनी का PB Ratio चेक कर सकते हैं। वो Details में बताया गया है।

इसके लिए आपको बस Google पर जाकर Ticker – Finology Search करना है और उस Site को Open करना है।

PE Ratio क्या होता है ?

Ticker – Finology Site Open करने के बाद, आपको यहाँ पर जिस भी कंपनी का PB Ratio चेक करना है, आपको यहाँ पर उस कंपनी का नाम डालना है और उसे Search करना है।

PE Ratio क्या होता है ?

कंपनी का नाम Search करने के बाद, आप यहाँ पर “Company Essentials” में उस कंपनी का PB Ratio देख सकते हैं।

Important Points

  • PB Ratio का Full Form होता है (Price to Book Value Ratio / मूल्य से बुक मूल्य अनुपात) 
  • PB (Price to Book Value) Ratio का सम्बंध एक कंपनी के शेयर की Current Market Price और उस कंपनी की Book Value से होता है।
  •  अगर किसी कंपनी का PB Ratio एक से कम है, तो इसका मतलब होता है कि उस कंपनी का शेयर Market में अपनी Book Value या Assets Value से कम प्राइस पर ट्रेड कर रहा है। यानी कि उस कंपनी के शेयर की Market Price उस कंपनी की Book Value से कम हो गई है, जो कि बहुत ही Rare Case में होती है। इसलिए ऐसी कंपनियों में PB Ratio के आधार पर Invest करने से पहले आपको ध्यान देना चाहिए कि उस कंपनी के शेयर की प्राइस अपनी Book Value से कम क्यों है, क्या उस कंपनी के बारे में News में कोई गलत खबर आ रही है, जिसके कारण उस कंपनी के शेयर की Price Market में अपनी Book Value से कम कीमत पर ट्रेड कर रही है, या फिर किसी और Reason के कारण उस कंपनी के शेयर की Price Market में अपनी Book Value या Assets Value से कम कीमत पर ट्रेड कर रही है।
  • किसी कंपनी का PB Ratio कम होने का मतलब होता है कि हमे उस कंपनी के शेयर Discount में मिल रहे हैं, यानी कि हमे उस कंपनी के शेयर्स अपनी Book Value या Assets Value से कम कीमत में मिल रहे हैं।
  • कंपनी का PB Ratio एक से कम होने पर बेहतर माना जाता है, पर ज्यादातर Value Investor PB Ratio को तीन तक भी सही मानते हैं।
  • Tangible Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको हम हाथ से छू सकते हैं और आँखों से देख सकते हैं, यानी की ऐसे Assets जिनका एक भौतिक रूप होता है जिनको हम Touch And Feel कर सकते है, ऐसे Assets को हम Tangible Assets कहते हैं। जैसे कि Plants, Buildings, Equipment, Land, Machinery आदि।
  • Intangible Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको हम हाथ से छू नहीं सकते और ना ही आँखों से देख सकते हैं, यानी की ऐसे Assets जिनका कोई भौतिक रूप नहीं होता है जिनको हम Touch And Feel नहीं कर सकते है, ऐसे Assets को हम Intangible Assets कहते हैं। जैसे कि Brand Recognition, Copyrights, Patents, Trademarks, Software Licenses, Logo आदि।
  • Appreciating Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको खरीदने के बाद Time के साथ-साथ उनकी कीमत बढ़ती जाती है ऐसे Assets को हम Appreciating Asset कहते हैं। जैसे कि Land, Real Estate, Stocks, Mutual Funds, Fixed Deposits आदि।
  • Depreciating Assets का मतलब होता है कि ऐसे Assets जिनको खरीदने के बाद Time के साथ-साथ उनकी कीमत घटती जाती है, कम होती जाती है ऐसे Assets को हम Depreciating Assets कहते हैं। जैसे कि Machines, Vehicles, Office Buildings, Furniture आदि।
  • एक कंपनी के Employees को भी Accounting के हिसाब से Intangible Assets की List में गिना जाता है, ना कि Tangible Assets की List में।

NOTE;- अगर आपके पास अभी तक Demat और Trading Account नहीं है, तो आप निचे दिए गए Link पर Click करके भारत के प्रमुख Discount Broker के पास अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं और Stock Market में Invest कर सकते हैं।

So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि PB Ratio क्या होता है ? तो आपको PB Ratio पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे Comments करके जरूर बताइयेगा।

धन्यवाद ।। ”

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *