ROE क्या होता है ?

ROE क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तों Bazaareducation में आपका स्वागत है आज हम इस Article में ROE क्या होता है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले है |

जैसे की :- 1. ROE का Full Form क्या होता है ?

2. ROE क्या होता है ?

3. ROE हम कैसे Calculate कर सकते है ?

4. ROE कितने Types का होता है ?

5. ROE से हमें किसी भी कम्पनी के बारे में क्या पता चलता है ?

6. ROE की क्या Limitations है ?

7. ROE को प्रभावित करने वाले Factors कौन कौन से है ? 

8. ROE और Debt में क्या सम्बन्ध होता है ?

9. कितना प्रतिशत ROE Generally एक कम्पनी में अच्छा माना जाता है ?    

10. हम किसी भी कम्पनी का ROE कैसे चेक कर सकते है ?

1. ROE का Full Form क्या होता है ?

ROE का Full Form होता है (Return on Equity / इक्विटी पर मिलने वाला लाभ)

2. ROE क्या होता है ?

दोस्तों ROE मतलब की (Return on Equity) एक Financial Profitability Ratio होता है एक वित्तीय अनुपात होता है जिसकी Help से हमें पता चलता है कि एक कम्पनी अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गये पैसो पर अपने एक Financial Year में कितना Profit (लाभ) कमा कर दे रही है उसे हम उस कम्पनी का ROE मतलब की Return on Equity कहते है |

दोस्तों अगर किसी कम्पनी का ROE (Return on Equity) 25 प्रतिशत है तो उसका मतलब होता है कि उस कम्पनी ने अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गये पैसो पर अपने एक Financial Year में 25 प्रतिशत का Return (लाभ) कमा कर दिया  है मतलब की Return on Equity एक कम्पनी द्वारा अपने Shareholders के Invest किये गये पैसो पर Profit कमाने की क्षमता को दर्शाता है |

अगर मैं आपको दूसरे शब्दों में बताऊ कि Return on Equity क्या होता है ? तो इसे हम ऐसे कह सकते है कि जिस Financial Ratio से हमें यह पता चलता है कि एक कम्पनी हमें अपनी Investment पर अपने एक Financial Year में कितना Profit कमा कर दे रही है उसी Ratio को हम Short में ROE या (Return on Equity) कहते है |

For Example ;- मान लेते है कि आपने किसी ABC Limited कम्पनी में आज 100 रूपये Invest किये है और आने वाले एक साल बाद वो 100 रूपये बढ़कर 120 रूपये हो जाते है तो उसका मतलब होता है कि उस ABC Limited कम्पनी ने अपने एक Financial Year में आपको अपनी Investment पर 20% का Returns कमा कर दिया है जिसे हम Short में ROE या (Return on Equity) कहते है |

3. ROE हम कैसे Calculate कर सकते है ?

दोस्तों किसी भी कम्पनी का ROE (Return on Equity) Calculate करने के लिए हमें उस कम्पनी के Net Profit को उस कम्पनी की Total Shareholders Equity से Divide करना होता है |

” दोस्तों Net Profit का मतलब एक कम्पनी के शुद्ध लाभ से होता है मतलब कि जितना एक कम्पनी अपने एक Financial Year में Profit कमाती है उस Profit में से उस कम्पनी के सभी Expenses यानी की खर्चे , Interest , Tax सब कुछ निकालने के बाद जो पैसा कम्पनी के पास बचता है उसे हम उस कम्पनी का Net Profit कहते है |”  

“और Shareholders Equity का मतलब उस पैसे से होता है जो लोगो ने Investors ने शेयर्स के बदले उस कम्पनी में Invest किये है” 

चलिए इसे एक Example के माध्यम से समझते है कि कैसे हम किसी भी कम्पनी का ROE (Return on Equity) Calculate कर सकते है |

मान लेते है कि एक ABC Limited नाम की कम्पनी है जिसकी Total Shareholders Equity 100 करोड़ रूपये है |

और मान लेते है कि उस कम्पनी का Net Profit 25 करोड़ रूपये का है |

तो उस ABC Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) होगा |

ROE = Net Profit / Total Shareholders Equity * 100

25 करोड़ / 100 करोड़ * 100 =  25%

तो दोस्तों उस ABC Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) होगा 25% जिसका मतलब होता है कि ABC Limited कम्पनी ने अपने सभी Shareholders को उनकी की गई Investment पर अपने एक Financial Year में 25 प्रतिशत का Returns कमा कर दिया है |

4. ROE कितने Types का होता है ?

दोस्तों ROE (Return on Equity) Generally Two Types का होता है |

  1. Return On Total Equity
  2. Return On Common Equity
Return On Total Equity  

Return On Total Equity का मतलब एक कम्पनी की Total Shareholder Equity पर Returns से होता है |

दोस्तों Return On Total Equity कैलकुलेट करने के लिए हमें एक कम्पनी के Net Profit को उस कम्पनी की Total Shareholder Equity से Divide करना होता है |

Return On Common Equity

दोस्तों एक कम्पनी की Total Shareholder Equity से Preferred Equity निकालने के बाद जो बचता है उसे हम Common Equity कहते है | 

Return On Common Equity निकालने के लिए हमें एक कम्पनी के Net Profit में से Preferred Dividends को घटाना होता है और उसको Common Shareholders Equity से Divide करना होता है |

चलिए इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते है |

मान लेते है कि एक XYZ Limited नाम की कम्पनी है जिसकी Total Shareholders Equity 200 करोड़ रूपये है |

और उसका Net Profit 55 करोड़ रूपये का है |

और Preferred Shareholders Equity 70 करोड़ रूपये है जिस पर 10% Return XYZ Limited कम्पनी को हर साल अपने Preferred Shareholders को Dividends के रूप में देना है |

तो उस XYZ Limited कम्पनी का Return On Common Equity होगा |

Return On Common Equity = ( Net Profit – Preferred Dividends ) / Common Equity

55 करोड़ – (0.10 * 70 करोड़ ) / 130 करोड़ 

( 48 करोड़ / 130 करोड़ ) * 100

= 36.92 %

तो उस XYZ Limited कम्पनी का Return On Common Equity होगा 36.92 प्रतिशत |

दोस्तों आने वाले Articles में हम Preferred Equity और Common Equity के बारे में Details में जानेंगे | 

5. ROE से हमें किसी भी कम्पनी के बारे में क्या पता चलता है ?

  1. ROE से हमें पता चलता है कि एक कम्पनी अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर अपने एक Financial Year में कितना Returns कमा कर दे रही है मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE 20% है तो उसका मतलब होता है कि उस कम्पनी ने अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर अपने एक Financial Year में 20 प्रतिशत का Returns कमा कर दिया है |
  2. ROE के आधार पर हम एक ही सेक्टर की दो या दो से अधिक कम्पनीज के बिच Comparison करके यह जान सकते है कि कौनसी कम्पनी अपने Investors को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर अपने एक Financial Year में ज्यादा Returns कमा कर दे रही है |
  3. अगर किसी कम्पनी का ROE ज्यादा है और साल दर साल Increase हो रहा है तो हम ROE (Return on Equity) के आधार पर कह सकते है कि Investing के लिहाज से वो एक अच्छी कम्पनी है और अगर किसी कम्पनी का ROE कम है और साल दर साल Decrease होता जा रहा है तो हम ROE (Return on Equity) के आधार पर कह सकते है कि वो कम्पनी Investing के लिहाज से एक अच्छी कम्पनी नहीं है |
  4. एक कम्पनी के ROE (Return on Equity) से हमें उस कम्पनी के Management के बारे में भी पता चलता है मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE ज्यादा है और साल दर साल Increase हो रहा है तो हम कह सकते है कि उस कम्पनी का Management अपने Business को Grow करने के लिए सही Decisions ले रहा है और अपने Shareholders Fund का भी अच्छे से उपयोग कर रहा है और अगर किसी कम्पनी का ROE कम है और साल दर साल Decrease होता जा रहा है तो हम कह सकते है कि उस कम्पनी का Management अपने Business को Grow करने के लिए सही Decisions नहीं ले पा रहा है और अपने Shareholders Fund का भी अच्छे से उपयोग नहीं कर रहा है |
  5. ROE (Return on Equity) से हमें एक कम्पनी की Growth का आंकलन करने में भी मदद मिलती है मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE ज्यादा है और साल दर साल Increase हो रहा है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit कमा रही है और साल दर साल एक अच्छे अनुपात में Grow कर रही है और अगर किसी कम्पनी का ROE कम है और साल दर साल Decrease होता जा रहा है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit नहीं कमा पा रही है जिस वजह से साल दर साल उस कम्पनी की Growth भी कम होती जा रही है और अगर किसी कम्पनी का ROE Negative में है और साल दर साल Increase होता जा रहा है तो उसका मतलब होता है कि वो एक Loss Making कंपनी है जिसकी Growth Negative Side में हो रही है |
  6. ROE (Return on Equity) से हमें एक कम्पनी की स्थिरता (Sustainability) का भी पता चलता है मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE ज्यादा है और साल दर साल एक फिक्स अनुपात में बढ़ रहा है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी एक अच्छी और Stable कम्पनी है और अगर किसी कम्पनी का ROE हर साल बहुत ज्यादा अनुपात में Increase और Decrease हो रहा है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी एक अच्छी और Stable कम्पनी नहीं है |
  7. ROE (Return on Equity) से हमें एक कम्पनी की शेयर प्राइस और डिविडेंड की Growth के बारे में भी पता चलता है मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE ज्यादा है और साल दर साल Increase हो रहा है तो उसका मतलब होता है कि वो कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit कमा पा रही है और अपने Shareholders को भी उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर हर साल अच्छा Returns बना कर दे रही है और जब कोई कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit कमाती है और अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर हर साल अच्छा Returns बना कर देती है तो ऐसी कम्पनीज में ज्यादा से ज्यादा लोग अपना पैसा Invest करना पसंद करते है जिस वजह से उस कम्पनी की शेयर प्राइस भी बढ़ने लगती है और दोस्तों जब किसी कम्पनी का ROE कम होता है और साल दर साल Decrease होता जाता है तो उसका मतलब होता है कि वो कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit नहीं कमा पा रही है और ना ही अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर अच्छा Returns बना कर दे रही है और जब कोई कम्पनी अपने Business से अच्छा Profit नहीं कमा पाती है और ना ही अपने Shareholders को उनके द्वारा Invest किये गए पैसो पर अच्छा Returns बना कर दे पाती है तो ऐसी कम्पनीज में बहुत कम लोग अपना पैसा Invest करना पसंद करते है जिस वजह से उस कम्पनी की शेयर प्राइस भी घटने लगती है दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि ज्यादातर High Profits वाली कम्पनीज ही अपने Shareholders को अपने Profit में से कुछ हिस्सा Dividend के रूप में बांट पाती है जबकि Low Profits या Negative ROE वाली कम्पनीज के लिए अपने Shareholders को Dividends देना थोड़ा मुश्किल होता है |

6. ROE की क्या Limitations है ?

  1. ROE के आधार पर हम किसी भी Loss Making कम्पनी को Judge नहीं कर सकते मतलब की अगर किसी कम्पनी का ROE Negative में है तो हम उस कम्पनी को ROE के आधार पर Judge नहीं कर सकते और ना ही उस कम्पनी को उस सेक्टर की अन्य किसी Profitable कम्पनी मतलब की Positive ROE वाली कम्पनी के साथ Compare कर सकते है दोस्तों ऐसी Loss Making कम्पनीज या Negative ROE वाली कम्पनीज का Analysis करने के लिए हमें उन कम्पनीज के अन्य Factors को देखना होता है |
  2. जब देश की Economy ख़राब स्थिति में चल रही हो उस समय भी हम किसी कम्पनी को उसके ROE के आधार पर Judge नहीं कर सकते क्योंकि उस समय ज्यादातर कम्पनीज का ROE बहुत कम होता है या फिर Negative में होता है क्योंकि दोस्तों जब देश की Economy ख़राब स्थिति में होती है तो उस समय किसी भी कम्पनी के लिए लगातार Profitable रहना बहुत मुश्किल होता है |
  3. ROE के आधार पर हम दो Different सेक्टर की कम्पनीज के बिच तुलना नहीं कर सकते क्योंकि ROE का उपयोग केवल एक ही सेक्टर की दो कम्पनीज के बिच तुलना के लिए किया जाता है |
  4. अगर किसी कम्पनी पर अत्यधिक Debt है तो उस स्थिति में भी हम उस कम्पनी को ROE के आधार पर Judge नहीं कर सकते है क्योंकि अत्यधिक Debt के कारण एक कम्पनी का ROE बहुत बढ़ जाता है |
  5. दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि एक कम्पनी के ROE को उस कम्पनी के Management द्वारा विभिन्न तरीको से Manipulate किया जा सकता है इसलिए हमें किसी भी कम्पनी में केवल ROE के आधार पर अपने पैसे Invest नहीं करने चाहिए हमें ROE के साथ साथ उस कम्पनी के अन्य Factors को भी ध्यान से देखना चाहिए और उसके बाद ही उस कम्पनी में अपने पैसे Invest करने चाहिए |

7. ROE को प्रभावित करने वाले Factors कौन कौन से है ? 

दोस्तों एक कम्पनी की ROE (Return on Equity) को बहुत से Factors प्रभावित कर सकते है जो की निचे दिए गए है | 

Debt

एक कम्पनी पर अत्यधिक Debt उस कम्पनी के ROE (Return on Equity) को प्रभावित कर सकता है मतलब की अगर किसी कम्पनी ने अपने Business को Grow करने के लिए अत्यधिक Debt ले रखा है तो वह Debt उस कम्पनी के ROE को बढ़ा देता है जिससे हमे उस कम्पनी के बारे में एक सही जानकारी नहीं मिल पाती इसलिए हमें किसी भी कम्पनी में केवल ROE के आधार पर इन्वेस्ट करने से पहले उस कम्पनी के अन्य Factors के साथ साथ उस कम्पनी पर कितना Debt है वह देखकर ही उस कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहिए |

Economy

एक देश की Economy भी उस देश की कम्पनीज का ROE (Return on Equity) प्रभावित कर सकती है मतलब की जब एक देश की Economy अच्छी स्थिति में होती है तब उस देश की ज्यादातर कम्पनीज का ROE भी अच्छा होता है और जब एक देश की Economy ख़राब स्थिति में होती है तब उस देश की ज्यादातर कम्पनीज का ROE (Return on Equity) भी ख़राब स्थिति में होता है मतलब की बहुत कम होता है या फिर Negative में होता है |

Share Buyback

दोस्तों एक कम्पनी द्वारा Market से अपने शेयर्स को Buyback करना भी उस कम्पनी के ROE (Return on Equity) को प्रभावित कर सकता है मतलब की जब कोई कम्पनी Market से अपने शेयर्स को वापस खरीदती है तब उस कम्पनी के Total Outstanding Shares या Total Outstanding Equity की संख्या कम हो जाती है जिससे उस कम्पनी का ROE (Return on Equity) Increase हो जाता है | 

Depreciation
दोस्तों ज्यादा Depreciation भी एक कम्पनी के ROE (Return on Equity) को प्रभावित कर सकता है क्योंकि ज्यादा Depreciation एक कम्पनी के Net Profit को कम करता है जिससे उस कम्पनी का ROE (Return on Equity) भी कम हो जाता है |
Capitalization Policy

कम्पनी के Management द्वारा कम्पनी की Books में Market Capitalization को कम या ज्यादा दिखाकर भी उस कम्पनी के ROE (Return on Equity) को प्रभावित किया जा सकता है |

Dividends And Profits

एक कम्पनी द्वारा अपने Shareholders को High Dividends देने पर या अपने Business में Cash के रूप में उत्पन हुए Profits का उपयोग ना करने पर भी एक कम्पनी का ROE (Return on Equity) प्रभावित हो सकता है |

High Growth companies

दोस्तों ऐसी कम्पनीज जो Market में बहुत तेजी से Grow कर रही है ऐसी कम्पनीज को अत्यधिक Capital (पूंजी) की आवश्यकता होती है जिस वजह से उन कम्पनीज का ROE (Return on Equity) प्रभावित हो सकता है और हमें कम दिखाई दे सकता है | 

Negative ROCE

एक कम्पनी का Negative ROCE (Return On Capital Employed) भी उस कम्पनी के ROE (Return on Equity) को प्रभावित कर सकता है |

8. ROE और Debt में क्या सम्बन्ध होता है ?

दोस्तों जैसा की हमनें ऊपर बात की थी कि अत्यधिक Debt एक कम्पनी में Leverage Factors को बढ़ा देता है जिससे प्राप्त होने वाला ROE (Return on Equity) Misleading होता है जो कि हमें उस कम्पनी के बारे में सही जानकारी नहीं देता है |

चलिए इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते है |

मान लेते है कि ABC Limited और XYZ Limited नाम की दो कम्पनीज है जिनका Net Profit, Debt और Shareholders Equity कुछ इस प्रकार है जैसा की आप निचे चार्ट में देख सकते है |

Financial data ABC Limited (Debt) XYZ Limited (No Debt)
EBIT
(Earnings Before Interest Taxes)
2000 2000
Interest 10% 500 0
PBT
(Profit Before Tax)
1500 2000
Tax 10% 150 200
PAT
(Profit After Tax)
1350 1800
Shareholders Capital 4000 9000
Debt 5000 0
Reserves 0 0
Net Profit 1350 1800
Net worth (Sh. Equity) 9000 9000
तो दोस्तों ऊपर दिए गए Financial Data के आधार पर ABC Limited और XYZ Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) होगा |

ROE = Net Profit / Total Shareholders Equity * 100

तो ABC Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) होगा |

ROE = 1350 / 4000 * 100 = 33.75 %

और XYZ Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) होगा |

ROE = 1800 / 9000 * 100 = 20 % 

तो दोस्तों अगर हम यहाँ पर ABC Limited और XYZ Limited कम्पनी का केवल ROE (Return on Equity) देखकर बात करे तो हम कह सकते है कि ABC Limited कम्पनी का ROE (Return on Equity) XYZ Limited कम्पनी से ज्यादा है इसलिए दोनों कम्पनीज में ABC Limited कम्पनी ज्यादा अच्छी कम्पनी है लेकिन दोस्तों क्या सच में ऐसा है |

XYZ Limited कम्पनी का ROE 20% है पर कम्पनी पर कोई Debt नहीं है वही दूसरी और ABC Limited कम्पनी का ROE 33.75% है पर कम्पनी ने 4000 रुपयों की Equity पर 5000 रुपयों का Debt ले रखा है जो की ABC Limited कम्पनी के लिए Future में Problems Create कर सकता है |

दोस्तों ABC Limited कम्पनी का ROE 33.75% होने के बाद भी ABC Limited कम्पनी Financial रूप से एक Weak कम्पनी है और वही दूसरी तरफ XYZ Limited कम्पनी का ROE 20% होने के बाद भी XYZ Limited कम्पनी ABC Limited कम्पनी से Financial रूप से ज्यादा Strong कम्पनी है |  

तो दोस्तों ऊपर दिए गए ABC Limited और XYZ Limited कम्पनी के Example के माध्यम से आप समझ गए होंगे कि किस तरह Debt एक कम्पनी के ROE (Return on Equity) को बढ़ा देता है जिससे हमें उस कम्पनी के बारे में एक सही जानकारी नहीं मिल पाती इसलिए हमें किसी भी कम्पनी को ROE के आधार पर Judge करने से पहले उस कम्पनी पर कितना Debt है यह भी ध्यान से देख लेना चाहिए कि कहीं कम्पनी बहुत ज्यादा Debt लेकर अपने ROE (Return on Equity) को बढ़ाने का काम तो नहीं कर रही है |   

9. कितना प्रतिशत ROE Generally एक कम्पनी में अच्छा माना जाता है ?    

दोस्तों एक अच्छी कम्पनी का ROE (Return on Equity) कितना होता है या कितना प्रतिशत ROE होना एक अच्छी कम्पनी का संकेत है यह बात कहीं Facts के रूप में नहीं लिखी है कि अगर एक कम्पनी का ROE इतने प्रतिशत होगा तभी वो एक अच्छी कम्पनी है ऐसा कही पर तथ्य के रूप में नहीं लिखा है लेकिन आमतौर पर बड़े Investors मानते है कि एक अच्छी कम्पनी का ROE कम से कम 15% होना चाहिए अगर हम लम्बे समय के लिए किसी कम्पनी में अपने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है तो हमे उन कम्पनीज में अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जिनका ROE लगातार 15 या 15% से ज्यादा रहा हो |

दोस्तों हमें केवल कम्पनीज के Current साल के ROE को ही नहीं देखना है बल्कि कम्पनीज के पिछले कई सालो के ROE (Return on Equity) को भी देखना है कि वो कम्पनीज पहले भी अपने Shareholders को 15 या 15% से अधिक का Returns देती आई है या नहीं क्योंकि दोस्तों जिन कम्पनियो का ROE साल दर साल 15 या 15% से ज्यादा रहा है उन कम्पनीज का एक अच्छी और Successful कम्पनी बनने का Chance ज्यादा होता है |

लेकिन जैसा की हमने ऊपर बात की केवल ROE ज्यादा होने से जरूरी नहीं है कि वो कम्पनी एक अच्छी कम्पनी ही निकले Future में |

एक कम्पनी के ROE (Return on Equity) के साथ साथ हमें उस कम्पनी के बाकि अन्य Factors को भी ध्यान से देखना बहुत जरूरी होता है |

10. हम किसी भी कम्पनी का ROE कैसे Check कर सकते है ?

दोस्तों हम Investing.com, Moneycontrol.com और Ticker – Finology जैसी Website पर जाकर किसी भी कम्पनी का ROE (Return on Equity) चेक कर सकते है निचे Ticker – Finology Website पर जाकर हम कैसे किसी भी कम्पनी का ROE चेक कर सकते है वो Details में बताया गया है |

इसके लिए आपको बस Google पर जाकर Ticker – Finology Search करना है और उस Site को Open करना है |

EPS क्या होता है ?

Ticker – Finology Site Open करने के बाद आपको यहां पर जिस भी कम्पनी का ROE चेक करना हो आपको यहाँ पर उसका नाम डालना है और उसे search करना है |

EPS क्या होता है ?

दोस्तों कम्पनी का नाम Search करने के बाद आप यहाँ पर “Company Essentials” में उस कम्पनी का ROE देख सकते है |

ROE क्या होता है ?

Important Points

  • ROE (Return on Equity) एक कम्पनी की शेयर प्राइस के लिए जिम्मेदार नहीं होता वह एक कम्पनी के प्रदर्शन को मापता है कि उस कम्पनी ने अपने Last Financial Years में और Current Financial Year में कैसा Perform किया है या किया था |
  • अगर किसी कम्पनी का ROE (Return on Equity) अत्यधिक Debt के कारण High है तो हमे ऐसी कम्पनीज में इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए |
  • ROE (Return on Equity) से हमे एक कम्पनी की Growth के बारे में भी पता चलता है कि वो कम्पनी किस अनुपात से Grow कर रही है |
  • अगर किसी बिना Debt वाली कम्पनी का या कम Debt वाली कम्पनी का ROE (Return on Equity) साल दर साल एक अच्छे अनुपात में बढ़ रहा है तो ऐसी कम्पनीज को हम एक अच्छी कम्पनी मान सकते है |
  • दोस्तों हम केवल एक कम्पनी के ROE (Return on Equity) के आधार पर किसी भी कम्पनी में अपने पैसे इन्वेस्ट नहीं कर सकते उसके साथ साथ हमे उस कम्पनी के अन्य Factors को भी ध्यान से देखना होता है |
  • ROE (Return on Equity) से हमे एक कम्पनी के बारे में यह भी पता चलता है कि वो कम्पनी अपने Shareholders Funds का कितने अच्छे से उपयोग कर पा रही है अगर एक कम्पनी अपने Shareholders Funds पर अच्छा Profit बना रही है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी अपने Shareholders Funds का अच्छे से उपयोग कर रही है और अगर एक कम्पनी अपने Shareholders Funds पर अच्छा Profit नहीं बना पा रही है तो हम कह सकते है कि वो कम्पनी अपने Shareholders Funds का अच्छे से उपयोग नहीं कर रही है |
  • एक कम्पनी का ROE (Return on Equity) Calculate करने का Formula होता है ROE = Net Profit / Total Shareholders Equity * 100 और एक कम्पनी का Return On Common Equity Calculate करने का Formula होता है Return On Common Equity = (Net Profit – Preferred Dividends) / Common Equity 
  • दोस्तों अगर किसी कम्पनी का ROE (Return on Equity) कम या Negative में है तो उसका मतलब ये नहीं है कि वो कम्पनी एक ख़राब कम्पनी है हो सकता है कि वो कम्पनी किसी Temporary Problem में फसी हो जिस वजह से उस कम्पनी का ROE हमे कम या Negative में दिखाई दे रहा है और हो सकता है कि वो कम्पनी आगे जाकर उस Temporary Problem से बाहर निकल आये और आने वाले Financial Years में अच्छा Perform करे इसलिए दोस्तों हमे किसी भी कम्पनी को केवल उसके ROE (Return on Equity) के आधार पर Judge नहीं करना चाहिए |
  • एक कम्पनी द्वारा अपनी Shareholders Equity को कम करके और Debt को बढ़ा कर भी ROE को Increase किया जा सकता है |
  • ROE (Return on Equity) से हमे एक कम्पनी की Profitability का भी पता चलता है |
  • जिन कम्पनीज का ROE ज्यादा होता है उन कम्पनीज को Investing Perspective से अच्छा माना जाता है और जिन कम्पनीज का ROE कम होता है उन कम्पनीज को Investing Perspective से ख़राब माना जाता है |
  • ROE (Return on Equity) के आधार पर दो Different Sectors की कम्पनीज के बिच Comparison को सही नहीं माना जाता है |
  • एक कम्पनी के पिछले 5 से 10 साल के ROE (Return on Equity) को देखकर और उसको अपने Sector के ROE और अपने Sector की अन्य कम्पनीज के ROE से Compare करके हम उस कम्पनी के बारे में सही से आकलन कर सकते है |
  • दोस्तों एक कम्पनी द्वारा अपने Shareholders को High Dividends देकर भी ROE (Return on Equity) को बढ़ाया जा सकता है इसलिए किसी भी High ROE वाली कम्पनी में इन्वेस्ट करने से पहले आपको यह देखना चाहिए कि कही वो कम्पनी अपने Shareholders को High Dividends देकर अपने ROE (Return on Equity) को बढ़ा तो नहीं रही है |
  • Stock Market में बड़ा Profit बनाने के लिए हमे ऐसी कम्पनीज में अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जो Financial रूप से Strong हो और साल दर साल अपना Profit Increase करती हो और दोस्तों ऐसी कम्पनीज को पहचानने में ROE (Return on Equity) हमारी Help कर सकता है | 

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So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि ROE क्या होता है ? तो आपको ROE पर हमारा ये Article कैसा लगा निचे comments कर के जरूर बताइयेगा  || 

धन्यवाद ||

 

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