NSE और BSE क्या होते हैं ?

NSE और BSE क्या होते है ?

नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में NSE और BSE क्या होते हैं ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले है।

जैसे कि: 1. BSE का Full Form क्या होता है ?

2. NSE का Full Form क्या होता है ?

3. BSE क्या है ?

4. NSE क्या है ?

5. BSE और NSE में कौन सा एक्सचेंज Better है ?

6. भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं ?

7. भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन-कौन से हैं ?

8. BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंज कहाँ पर स्थित हैं ?

9. BSE और NSE में कुल कितनी कंपनियां Listed हैं ?

10. BSE और NSE में क्या अंतर है ?

11. BSE और NSE के Chairman कौन हैं ?

1. BSE का Full Form क्या होता है ?

BSE का Full Form होता है Bombay Stock Exchange (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)।

2. NSE का Full Form क्या होता है ?

NSE का Full Form होता है National Stock Exchange (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)।

3. BSE क्या है ?

BSE भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी शुरुआत सन 1875 में हुई थी और अपने शुरुआती समय में BSE (The Native Share & Stock Brokers Association / नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन) के तौर पर जाना जाता था। बाद में सन 1957 में भारत सरकार ने (Securities Contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत BSE को भारत के स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा दे दिया था।

BSE एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और वर्तमान में दुनिया का 9वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। जनवरी 2021 के अनुसार, BSE का Market Capitalization 276,713 लाख करोड़ (US $ 3.7 ट्रिलियन) का हो चूका है।

BSE (Bombay Stock Exchange) का बेंचमार्क इंडेक्स है “Sensex”, जिसकी शुरुआत सन 1986 में हुई थी। इसमें देश की सबसे बड़ी और टॉप 30 कंपनियों को रखा जाता हैं। “Sensex” में 30 कंपनियों के लिस्टेड होने के कारण इसे “BSE30” के नाम से भी जाना जाता है।

Sensex क्या होता है ? और इसका क्या काम होता है, यह सब हम आगे आने वाले Articles में Complete Details में जानेंगे।

4. NSE क्या है ?

NSE भारत का दूसरा सबसे बड़ा Stock Exchange है और वर्तमान में दुनिया का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

NSE की स्थापना सन 1992 में हुई थी, तब NSE (Securities Contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत सिर्फ एक टैक्स पेइंग कंपनी (Tax-Paying Company) के रूप में काम करता था। इसके बाद, सन 1993 से NSE ने स्टॉक एक्सचेंज के रूप में काम करना शुरू किया।

NSE के आने से भारत में Electronic Exchange System की शुरुआत हुई। इससे पहले शेयर बाजार का सारा काम पेपर आधारित हुआ करता था, लेकिन NSE के आने के बाद से शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हो गया। जिसकी वजह से एक आम आदमी का शेयर बाजार में निवेश करना काफी आसान हो गया था। अगस्त 2021 के अनुसार, NSE का Market Capitalization 3.4 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक का हो चुका है।

NSE (National Stock Exchange) का बेंचमार्क इंडेक्स है “Nifty”, जिसकी शुरुआत सन 1995 में हुई थी। इसमें देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कंपनियों को शामिल किया जाता हैं। “Nifty” में देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कंपनियों के Listed होने के कारण इसे “Nifty50” के नाम से भी जाना जाता है।

Nifty क्या होता है ? और इसका क्या काम होता है, यह सब हम आगे आने वाले Articles में Complete Details में जानेंगे।

5. BSE और NSE में कौन सा एक्सचेंज Better है ?

BSE और NSE दोनों में कौन सा Exchange आपके लिए Better है, यह पूरी तरह से आप पर डिपेंड करता है कि आप किस तरह के इन्वेस्टर या ट्रेडर हैं।

अगर आप Stock Market में नए हैं और Investing के Approach से Market में आए हैं, तो आपके लिए BSE एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि BSE में 5749 से भी ज्यादा कंपनियाँ लिस्टेड हैं, जिससे आपको बहुत सारी कंपनियों में पैसे निवेश करने का मौका मिल सकता है।

जबकि NSE उन Traders और Investors के लिए एक बेहतर Option हो सकता है जिनके पास मार्केट का अच्छा अनुभव है और जो बहुत अधिक मात्रा (Quantity) में Day Trading जैसे सौदे करते हैं। उनके लिए NSE एक Best Option हो सकता है क्योंकि NSE में BSE की तुलना में अधिक Liquidity होती है, जिसकी Day Trading में काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

“Liquidity” का हिंदी में अर्थ होता है “तरलता,” जो किसी Asset या Security में Buyers और Sellers की मौजूदगी को दर्शाता है। मतलब की दोस्तों, अगर किसी Asset या Security में Buyers और Sellers की मौजूदगी ज्यादा है, तो हम कह सकते हैं कि उस Asset या Security में अधिक Liquidity है। और यदि किसी Asset या Security में Buyers और Sellers की मौजूदगी कम है, तो हम कह सकते हैं कि उस Asset या Security में कम Liquidity है।

अगर मैं आपको दूसरे शब्दों में बताऊं कि “Liquidity” का क्या अर्थ होता है, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि “Liquidity” एक स्टॉक या कमोडिटी में Buyers और Sellers की वॉल्यूम को दर्शाता है। मतलब की, जितनी ज्यादा एक स्टॉक या कमोडिटी में Buyers और Sellers की वॉल्यूम होगी, उतनी ही ज्यादा उस स्टॉक या कमोडिटी में Liquidity होगी। और जितनी कम एक स्टॉक या कमोडिटी में Buyers और Sellers की वॉल्यूम होगी, उतनी ही कम उस स्टॉक या कमोडिटी में Liquidity होगी।

6. भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं ?

भारत में वर्तमान समय में SEBI (Securities And Exchange Bord Of India) द्वारा मान्यता प्राप्त 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं।

7. भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन-कौन से हैं ?

भारत में वर्तमान समय में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं:-

  1.  Bombay Stock Exchange (BSE) – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
  2. National Stock Exchange (NSE) – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

8. BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंज कहाँ पर स्थित हैं ?

दोस्तों, वर्तमान समय में  BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) दोनों ही मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।

9. BSE और NSE में कुल कितनी कंपनियां Listed हैं ?

BSE (Bombay Stock Exchange) में वर्तमान में 5749 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं, जबकि NSE (National Stock Exchange) में वर्तमान में 2137 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।

10. BSE और NSE में क्या अंतर है ?

तुलना के लिए आधार   BSE NSE
Full Form

BSE का Full Form होता है Bombay Stock Exchange (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)

NSE का Full Form होता है National Stock Exchange (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
स्थापना  BSE की स्थापना सन 1875 में हुई थी। जबकि NSE की स्थापना सन 1992 में हुई थी।
संक्षिप्त परिचय  BSE भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। जबकि NSE भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
कुल सूचीबद्ध कंपनियां
 
BSE (Bombay Stock Exchange) में वर्तमान में 5749 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं। जबकि NSE (National Stock Exchange) में वर्तमान में 2137 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।
बेंचमार्क (Index)  BSE (Bombay Stock Exchange) का बेंचमार्क इंडेक्स है “सेंसेक्स “। जबकि NSE (National Stock Exchange) का बेंचमार्क इंडेक्स है “निफ़्टी “।
मुख्यालय  BSE का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है। और NSE का मुख्यालय भी मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
 उत्पादो (Products)

Equity

Equity, currency, And Commodity Derivatives.

Mutual Funds 

Corporate Bonds

Exchang – Traded Funds

Initial Public Offering (IPO)

Offer For Sale 

 

 

Equity

Equity, Currency, And Commodity Derivatives.

Mutual Funds 

Corporate Bonds

Exchang – Traded Funds

Initial Public Offering (IPO)

Offer For Sale 

Security Lendig & Borrowing Scheme 

Institutional Placement Program (IPP)

Market Capitalization जनवरी 2021 के अनुसार, BSE का Market Capitalization 276,713 लाख करोड़ (US $ 3.7 ट्रिलियन) का हो चूका है। और अगस्त 2021 के अनुसार, NSE का Market Capitalization 3.4 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक का हो चुका है।
वैश्विक रैंक 

BSE वर्तमान में दुनिया का 9वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

जबकि NSE वर्तमान में दुनिया का 10वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
Liquidity

BSE में NSE के मुकाबले कम Liquidity होती है।

जबकि NSE में BSE के मुकाबले अधिक Liquidity होती है।
नेटवर्क  BSE का नेटवर्क वर्तमान में 450 शहरों में फैला हुआ है।

जबकि NSE का नेटवर्क वर्तमान में 1500 से भी अधिक शहरो में फैला हुआ है।

11. BSE और NSE के Chairman कौन हैं ?

वर्तमान समय में BSE के Chairman “Vikramajit Sen” हैं और NSE के Chairman “Girish Chandra Chaturvedi” हैं।

Important Points

  • BSE का Full Form होता है “Bombay Stock Exchange” और NSE का Full Form होता है “National Stock Exchange.”
  • BSE भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी शुरुआत सन 1875 में हुई थी। जबकि NSE भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी शुरुआत सन 1992 में हुई थी।
  • BSE एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और वर्तमान में दुनिया का 9वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। जबकि NSE वर्तमान में दुनिया का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
  • वर्तमान में BSE में 5749 से भी अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं, जबकि NSE में वर्तमान में 2137 से भी अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं।
  • BSE और NSE, दोनों ही वर्तमान में भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जो भारतीय पूंजी बाजार (Capital Market) में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • दोस्तों, NSE में BSE के मुकाबले अधिक Liquidity होती है। इसलिए अगर आप High Quantity में Day Trading जैसे सौदे अधिक करते हैं, तो आपके लिए एक्सचेंज के रूप में NSE एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Stock market में  NSE और BSE क्या होते हैं ? तो आपको NSE और BSE पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे comments करके जरूर बताइयेगा।

धन्यवाद ।। “

 

 

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