Primary और Secondary Market क्या होते है ?

Primary और Secondary Market क्या होते है ?

नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में Primary और Secondary Market क्या होते है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले हैं।

जैसे कि ;- 1. Primary Market क्या होता है ?

2. Secondary Market क्या होता है ?

3. Primary और Secondary Market में क्या Difference होता है ? 

1. Primary Market क्या होता है ?

Primary Market एक ऐसी जगह होती है, एक ऐसा “Marketplace” होता है जहाँ पर कंपनियाँ, सरकारें, और अन्य वित्तीय संस्थाएँ पहली बार अपनी Securities जैसे कि शेयर्स या बॉंड्स को निवेशको के लिए आम जनता के लिए जारी करती हैं और उनसे अपने Business को Grow करने के लिए अपनी Securities के बदले में पैसे Raise करती हैं। दोस्तों, ऐसी जगह को ही हम Primary Market कहते हैं।

Primary Market को हम प्राथमिक बाजार या New Issue Market भी कहते हैं।

Primary Market में कंपनियाँ कई अलग-अलग तरीकों से पैसे Raise कर सकती हैं।

जैसे कि ;- 1. Public Issue ;- IPO & FPO

2. Private Placement

3. Right Issue

1. Public Issue 

IPO;- जब कोई कंपनी पहली बार अपने सामान्य स्टॉक्स या शेयर्स को सार्वजनिक रूप से निवेशकों के लिए आम जनता के लिए जारी करती है, तो उसे हम IPO (Initial Public Offering या प्रथम जन प्रस्ताव) कहते हैं।

IPO में कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को सार्वजनिक रूप से निवेशकों और आम जनता को बेचती है और उनके बदले में उनसे पैसे Raise करती है।

अगर आप IPO के बारे में Complete Details में जानना चाहते हैं कि IPO क्या होता है ? और कंपनियाँ IPO के द्वारा निवेशकों और लोगों से कैसे पैसे Raise करती हैं ? तो इसके लिए आप हमारा IPO पर लिखा हुआ Artical पढ़ सकते हैं जिसमें हमने IPO के बारे में विस्तार से बताया है।

FPO;- अगर कोई कंपनी पहले से ही अपने शेयर्स को Market में जारी कर चुकी है और फिर से अपने शेयर्स को Market में जारी करना चाहती है, तो उसे हम FPO (Follow-On Public Offer) कहते हैं।

आगे आने वाले Articals में हम FPO के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

2. Private Placement

Private Placement में, कंपनियाँ Public को शेयर्स बेचने के बजाए कुछ बड़े Investors को अपने शेयर्स बेचती हैं।

जैसे कि ; – Mutual Funds, Banks, Venture Capital, Insurance Companies आदि।

3. Right Issue

Right Issue में कंपनियां अपने मौजूदा निवेशकों को एक फिक्स अनुपात में Discount में शेयर्स देती हैं और उनके बदले में उनसे पैसे Raise करती हैं।

Right Issue में केवल वही निवेशक उस कंपनी के शेयर्स को खरीद सकते हैं जो पहले से ही उस कंपनी के Shareholders होते हैं। मतलब कि जिन लोगों ने पहले से ही उस कंपनी के शेयर्स को खरीद कर रखा हैं। केवल वे लोग ही Right Issue के माध्यम से उस कंपनी के नए शेयर्स को खरीद सकते हैं।

Right Issue क्या होता है ?, और कंपनियां Right Issue क्यों जारी करती हैं ?, इसके बारे में हम आगे आने वाले Articals में विस्तार से चर्चा करेंगे।

2. Secondary Market क्या होता है ?

Secondary Market एक ऐसा “Marketplace” होता है जहाँ पर कंपनियों द्वारा पहले से जारी की गई Securities जैसे कि Shares, Bonds, Debentures, Commercial Papers, Treasury Bills आदि को Exchange और Broker के माध्यम से निवेशकों के बीच में खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान की जाती है। दोस्तों, ऐसी जगह को ही हम Secondary Market कहते हैं।

For Example;- जब भी कोई कंपनी अपना IPO लेकर आती है, तब वह Primary Market में होती है। और जब वह कंपनी IPO के माध्यम से अपने शेयर्स निवेशकों को बेच देती है और उनके बदले में उनसे पैसे Raise कर लेती है, तो उसके बाद उसे Trading के लिए Stock Exchange पर Listed किया जाता है। Stock  Exchange पर Listed होने के बाद वह कंपनी Secondary Market में होती है। वर्तमान में भारत में NSE और BSE Stock Exchange पर लगभग 7400 कंपनियां Listed हैं, जिनमें निवेशकों द्वारा शेयर्स की खरीदी-बिक्री चलती रहती है, जो कि एक Secondary Market का उदाहरण है।

NSE और BSE, भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं।

अगर आप NSE और BSE स्टॉक एक्सचेंज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आप हमारा NSE और BSE पर लिखा हुआ Artical पढ़ सकते हैं, जिसमें हमने NSE और  BSE के बारे में विस्तार से बताया है।

3. Primary और Secondary Market में क्या Difference होता है ?

1. Primary Market में, कंपनियाँ अपनी Securities जैसे कि Shares, Bonds, Debentures, Commercial Papers, Treasury Bills आदि को पहली बार निवेशकों के लिए आम जनता के लिए जारी करती हैं और उनके बदले में उनसे पैसे Raise करती हैं। जबकि Secondary Market में, कंपनियाँ अपनी कोई भी Securities जारी नहीं करती हैं। बल्कि, जो Securities Primary Market में जारी की गई थीं, Secondary Market में उन्हीं Securities की Exchange और Broker के माध्यम से निवेशकों के बीच में खरीदी-बिक्री चलती रहती है।

2. Primary Market में, कंपनियों के शेयर्स की Price या Price Bend कंपनियों द्वारा पहले से ही निर्धारित की जाती है। जबकि Secondary Market में, कंपनियों के शेयर्स की Price उनकी Demand और Supply के आधार पर अपने आप तय होती है। जब किसी कंपनी के शेयर्स की Market में Demand ज्यादा होती है और Supply कम होती है, तब उसके शेयर की Price बढ़ती है, और जब किसी कंपनी के शेयर्स की Market में Demand कम होती है और Supply ज्यादा होती है, तब उसके शेयर की Price घटती है।

3. Primary Market में, शेयर्स और पैसों का लेन-देन कंपनी और निवेशकों के बीच में होता है। कंपनी शेयर्स को बेचती है और निवेशक उन्हें खरीदते हैं। जबकि Secondary Market में, निवेशक आपस में एक-दूसरे से शेयर्स खरीदते और बेचते हैं। उसमें कंपनी शामिल नहीं होती है।

4. Primary Market में, हम केवल कंपनियों के शेयर्स को खरीद सकते हैं, लेकिन उन्हें वापस Primary Market में बेच नहीं सकते हैं। जबकि Secondary Market में हम कंपनियों के शेयर्स को खरीद भी सकते हैं और उन्हें वापस बेच भी सकते हैं।

5. Primary Market में, कंपनी और निवेशकों के बीच में Investment Bank एक Mediator के रूप में काम करता है। जबकि Secondary Market में, निवेशकों के बीच में शेयर्स की खरीदी-बिक्री के लिए Exchange और Broker एक Mediator के रूप में काम करते हैं।

6. Primary Market में, जब कोई निवेशक शेयर्स खरीदता है, तब उन शेयर्स के पैसे Direct कंपनी के पास जाते हैं, जिससे कंपनी को लाभ होता है। जबकि Secondary Market में, कंपनी के शेयर्स में जो खरीदी-बिक्री होती है, उससे कंपनी को कोई भी Profit या Loss नहीं होता है। जो भी Profit या Loss होता है, वह उन Treders और Investors को होता है, जिन्होंने उस कंपनी के शेयर्स में खरीदी-बिक्री की थी।

7. Primary Market में, हम अपनी इच्छा के अनुसार कंपनियों के शेयर्स को नहीं खरीद सकते हैं। इसका मतलब यह है कि जब भी कोई कंपनी अपना IPO लेकर आती है, तब हम उसमें अपनी इच्छा के अनुसार 10, 20, 50, 100 या 1000 ऐसे शेयर्स को नहीं खरीद सकते हैं। क्योंकि Primary Market में पहले से ही कंपनियों द्वारा शेयर्स की एक “Lot Size” को तैयार किया जाता है, और प्रत्येक कंपनी के एक Lot में शेयर्स की संख्या भी अलग-अलग होती है। जैसे कि किसी कंपनी के एक Lot में शेयर्स की संख्या 50, 100, 150, 300, 500, 800, या 1000 कुछ भी हो सकती है। इसलिए, Primary Market में हमें कंपनियों के सिंगल शेयर्स की जगह उनके Lots को खरीदना पड़ता है। Primary Market में कंपनियों के शेयर्स के एक Lot की कीमत तकरीबन 14,000 से 15,000 रुपये के बीच में होती है। और हम इसमें एक Lot से अधिक Lots के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। जबकि Secondary Market में, जो कि बाजार का दूसरा हिस्सा होता है, उसमें हम जितने चाहें उतने शेयर्स को खरीद और बेच सकते हैं। क्योंकि Secondary Market में किसी भी कंपनी के शेयर्स की कोई निर्धारित “Lot Size” नहीं होती है।

Important Points

  • Primary Market एक ऐसी जगह होती है, एक ऐसा “Marketplace” होता है जहाँ पर कंपनियां पहली बार अपनी Securities या Equity को आम जनता के लिए लोगों के लिए जारी करती हैं और उनसे अपने Business को Grow करने के लिए अपनी Securities के बदले में पैसे Raise करती हैं। उसे हम Primary Market कहते हैं।
  • जबकि Secondary Market एक ऐसा “Marketplace” होता है जहाँ पर कंपनियों द्वारा पहले से जारी की गई Securities को फिर से निवेशकों के बीच में खरीदा और बेचा जाता है। ऐसी जगह को हम Secondary Market कहते है।
  • जब कोई कंपनी पहली बार अपने सामान्य स्टॉक्स या शेयर्स को सार्वजनिक रूप से निवेशकों के लिए आम जनता के लिए जारी करती है, तो उसे हम IPO (Initial Public Offering या प्रथम जन प्रस्ताव) कहते हैं।
  • अगर कोई कंपनी पहले से ही अपने शेयर्स को Market में जारी कर चुकी है और फिर से अपने शेयर्स को Market में जारी करना चाहती है, तो उसे हम FPO (Follow-On Public Offer) कहते हैं।
  • Private Placement में, कंपनियाँ Public को शेयर्स बेचने के बजाए कुछ बड़े Investors को अपने शेयर्स बेचती हैं, जैसे कि ; – Mutual Funds, Banks, Venture Capital, Insurance Companies, आदि।
  • Right Issue में कंपनियां अपने मौजूदा निवेशकों को एक फिक्स अनुपात में Discount में शेयर्स देती हैं और उनके बदले में उनसे पैसे Raise करती हैं।
  • Right Issue में, Shareholders को उनकी मौजूदा हिस्सेदारी के अनुपात में नए शेयर्स खरीदने का अधिकार दिया जाता है।
  • Primary और Secondary Market, दोनों ही शेयर बाजार के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। Primary Market कंपनियों को पैसा जुटाने में मदद करता है, जबकि Secondary Market निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयरों का व्यापार करने में मदद करता है।
  • Primary Market में हम जो शेयर्स खरीदते हैं, उन्हें हम Secondary Market में बेचते हैं।
  • Primary Market में, शेयर्स की कीमत कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती है, जबकि Secondary Market में, शेयर्स की कीमत Demand और Supply के आधार पर अपने आप तय होती है।

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So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Primary और Secondary Market क्या होते है ? तो आपको Primary और Secondary Market पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे Comments करके जरूर बताइयेगा।

धन्यवाद ।। ”

 

 

8 Comments on “Primary और Secondary Market क्या होते है ?”

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