नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में PE Ratio क्या होता है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले हैं।
जैसे कि ;- 1. PE Ratio का Full Form क्या होता है ?
2. PE Ratio क्या होता है ?
3. PE Ratio हम कैसे Calculate कर सकते हैं ?
4. PE Ratio कितने Types के होते हैं ?
5. PE Ratio से हमें किसी भी कंपनी के बारे में क्या पता चलता है ?
6. किसी कंपनी का PE Ratio कम है या ज्यादा कैसे पता करें ?
7. Low PE Ratio होने के क्या कारण होते हैं ?
8. High PE Ratio होने के क्या कारण होते हैं ?
9. हम कैसे किसी भी कंपनी का PE Ratio Check कर सकते हैं ?
1. PE Ratio का Full Form क्या होता है ?
PE Ratio का Full Form होता है (Price to Earnings Ratio / मूल्य-आय अनुपात, या कीमत के साथ कमाई अनुपात)
2. PE Ratio क्या होता है ?
दोस्तों, PE Ratio एक Valuation Financial Ratio होता है जो कि सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले Ratios में से एक है।
PE Ratio से हमें पता चलता है कि एक कंपनी सालाना तौर पर अपने एक शेयर पर जितने पैसे कमा रही है, हम उस पैसे के बदले उस कंपनी के एक शेयर के लिए कितना गुना पैसा Pay कर रहे हैं या Pay करने के लिए तैयार हैं। मतलब कि दोस्तों, PE Ratio हमें बताता है कि हम कंपनी के EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के बदले कंपनी के एक शेयर के लिए कितना गुना पैसा दे रहे हैं या देने के लिए तैयार हैं।
अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि PE Ratio से हमें यह पता चलता है कि Current Time में एक कंपनी की Share Price Market में अपने EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के मुकाबले कितने ज्यादा या कितने कम प्राइस पर ट्रेड कर रही है।
चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।
मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसका EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) 50 रूपये है। जिसका मतलब है कि वो कंपनी सालाना तौर पर अपने प्रत्येक शेयर पर 50 रूपये कमा रही है।
और मान लेते हैं कि उस कंपनी का PE Ratio 19 है।
तो, उस कंपनी के शेयर की Current में Market Price होगी।
Share Current Market Price = Earnings Per Share * Price to Earnings Ratio
50 * 19 = 950 रूपये
तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी के शेयर की Current में Market Price लगभग 950 रुपये होगी।
अगर हम इस ABC Limited कंपनी के शेयर्स को 950 रुपये की प्राइस में खरीदते हैं, तो इसका मतलब होता है कि हम उस ABC Limited कंपनी के EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के मुकाबले उस कंपनी के एक शेयर के लिए 19 गुना पैसे Pay कर रहे हैं।
अगर मैं आपको दूसरे शब्दों में बताऊं तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि हम उस ABC Limited कंपनी से सालाना तौर पर 50 रूपये कमाने के लिए उस कंपनी को 950 रूपये Pay कर रहे हैं, मतलब कि ABC Limited कंपनी आने वाले एक साल में हमें 950 रूपये की Investment पर 50 रूपये कमा कर देगी।
3. PE Ratio हम कैसे Calculate कर सकते हैं ?
किसी भी कंपनी का PE Ratio Calculate करने के लिए हमें उस कंपनी के EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) को उस कंपनी के शेयर की Current Market Price से Divide करना होता है।
❝ EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) का मतलब होता है कि एक कंपनी एक साल में अपने एक शेयर पर कितना लाभ (Profit) कमा रही है, उसे हम उस कंपनी का EPS कहते हैं। ❞
चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।
मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके शेयर की Current में Market Price 600 रूपये चल रही है।
और उस कंपनी का EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) 40 रूपये है।
तो, उस ABC Limited कंपनी का PE Ratio होगा।
PE Ratio = Share Current Market Price / EPS
600 / 40 = 15
तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी का PE Ratio 15 होगा।
4. PE Ratio कितने Types के होते हैं ?
दोस्तों, PE Ratio तीन Types के होते हैं।
- Past PE Ratio
- Trailing PE Ratio
- Future PE Ratio
Past PE Ratio
Past PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Last Financial Year के Data के आधार पर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Past PE Ratio” कहते हैं।
किसी भी कंपनी का Past PE Ratio Calculate करने के लिए, हमें उस कंपनी के Last 3 Months के EPS को छोड़कर उसके पिछले एक साल के EPS को उस कंपनी के शेयर की Current Market Price से Divide करना होता है।
किसी कंपनी का Past PE Ratio Calculate करने में, हम उस कंपनी के Last 3 Months के EPS को इसलिए शामिल नहीं करते हैं, क्योंकी उसमें अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होता है कि उस कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले सभी Factors कौन-कौन से हैं।
For Example ;- मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके शेयर की Current में Market Price 600 रूपये चल रही है और उसके Last 15 Months का EPS कुछ इस प्रकार है जैसा कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं।
ABC Limited Company | 30/03/2021 | 30/06/2021 | 30/9/2021 | 30/12/2021 | 30/03/2022 |
EPS | 10 | 10 | 10 | 10 | Last 3 Months EPS 15 |
तो, उस ABC Limited कंपनी का Past PE Ratio होगा।
Past PE Ratio = Share Current Market Price / EPS
600 / 10+10+10+10
600 / 40 = 15
तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी का Past PE Ratio 15 होगा।
दोस्तों, मैं आपको बता दूँ कि किसी भी कंपनी का Past PE Ratio Calculate करने में, हम उस कंपनी का Last 3 Months का EPS इसलिए भी USE नहीं करते है क्योंकि वो उस कंपनी के Trailing PE Ratio को Calculate करने में USE किया जाता है।
Trailing PE Ratio
Trailing PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Last 12 Months के Data के आधार पर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Trailing PE Ratio” कहते हैं।
किसी भी कंपनी का Trailing PE Ratio Calculate करने के लिए, हमें उस कंपनी के Last 12 Months के EPS को उस कंपनी के शेयर की Current Market Price से Divide करना होता है।
For Example ;- मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके शेयर की Current में Market Price 600 रूपये चल रही है और उसके Last 12 Months का EPS 45 रूपये है।
तो, उस ABC Limited कंपनी का Trailing PE Ratio होगा।
Trailing PE Ratio = Share Current Market Price / Last 12 Months EPS
600 / 45 = 13.33
तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी का Trailing PE Ratio 13.33 होगा।
Future PE Ratio
Future PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Future Data, जैसे कि EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) और कंपनी की Growth का एक अनुमान लगाकर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Future PE Ratio” कहते हैं।
किसी भी कंपनी का Future PE Ratio Calculate करने के लिए, हमें सबसे पहले उस कंपनी के Fundamentals के आधार पर उस कंपनी की Growth को Assume करना पड़ता है, मानना पड़ता है कि इस कंपनी का EPS आने वाले 2 सालों में इतने प्रतिशत से Grow करेगा।
कंपनी के EPS की Growth को Assume करने के बाद, कंपनी का जो EPS निकलकर आता है, उसे हमें उस कंपनी के शेयर की Current Market Price से Divide करना होता है।
For Example ;- मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके शेयर की Current में Market Price 600 रूपये चल रही है और उस कंपनी का EPS 45 रूपये है।
अब मान लेते हैं कि आपको उस ABC Limited कंपनी के Fundamentals देखकर लगता है कि इस कंपनी का EPS आने वाले 2 सालों में 30 प्रतिशत की Growth से बढ़ने वाला है।
तो उस ABC Limited कंपनी का 30 प्रतिशत की Growth से EPS बढ़ने पर, Next One Year में उस कंपनी का EPS 58.5 रुपये होगा, और Next Two Year में उस कंपनी का EPS 76.05 रुपये होगा।
कंपनी का Next One Year का EPS 58.5 रुपये और Next Two Year का EPS 76.05 रुपये होने पर उस कंपनी का Future PE Ratio होगा।
Next One Year PE Ratio = Share Current Market Price / Next One Year EPS
600 / 58.5 = 10.25
Next Two Year PE Ratio = Share Current Market Price / Next Two Year EPS
600 / 76.05 = 7.88
तो दोस्तों, उस ABC Limited कंपनी का Next One Year का PE Ratio 10.25 होगा, और Next Two Year का PE Ratio 7.88 होगा।
कंपनी के Future PE Ratio से हमें पता चलता है कि कोई स्टॉक अपने Future PE Ratio के आधार पर आज हमें कितना सस्ता या कितना महंगा मिल रहा है।
Number | ABC Limited Company | 30/03/2021 | 30/06/2021 | 30/9/2021 | 30/12/2021 | 30/03/2022 Current Time |
30/03/2023 Next 1 Year |
30/03/2024 Next 2 Year |
1. | EPS | 10 | 10 | 10 | 10 | 15 | 58.5 | 76.05 |
2. | Share Price | 600 | ||||||
3. | 600/40 | 600/45 | 600/58.5 | 600/76.05 | ||||
4. | PE Ratio | Past PE Ratio 15 | Trailing PE Ratio 13.33 | Future PE Ratio 10.25 | Future PE Ratio 7.88 |
5. PE Ratio से हमें किसी भी कंपनी के बारे में क्या पता चलता है ?
- PE Ratio से हमें पता चलता है कि हम एक कंपनी के EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के बदले उस कंपनी के एक शेयर के लिए कितना गुना पैसा Pay कर रहे हैं, या Pay करने के लिए तैयार हैं। अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि PE Ratio से हमें यह पता चलता है कि एक Investor एक कंपनी के एक शेयर के लिए उस कंपनी के Profit के मुकाबले कितना गुना Premium दे रहा है, या देने के लिए तैयार है।
- PE Ratio से हमें पता चलता है कि एक कंपनी का स्टॉक Undervalued है या Overvalued, मतलब की सस्ता है या महंगा है।
- PE (Price-to-Earnings) Ratio से हम एक ही सेक्टर की दो अलग-अलग कंपनियों के बीच Difference से यह जान सकते हैं कि किस कंपनी का स्टॉक Market में कम कीमत पर ट्रेड कर रहा है और किस कंपनी का स्टॉक Market में ज्यादा कीमत पर ट्रेड कर रहा है।
6. किसी कंपनी का PE Ratio कम है या ज्यादा कैसे पता करें ?
किसी भी कंपनी का PE Ratio कम है या ज्यादा है, यह पता करने के लिए हमें उस कंपनी के PE Ratio को उसी कंपनी के Peer Group की कम्पनियों, मतलब की उसी Industry या Sector की अन्य कम्पनियों के PE Ratio के साथ Compare करके यह पता कर सकते हैं कि किस कंपनी का PE Ratio कम है और किस कंपनी का PE Ratio ज्यादा है।
और जिस Industry या Sector में वो कंपनियां है, हम उस Industry या Sector के PE Ratio के साथ भी उन कम्पनियों के PE Ratio को Compare करके यह पता कर सकते हैं कि किस कंपनी का PE Ratio Low है और किस कंपनी का PE Ratio High है।
अगर किसी कंपनी का PE Ratio अपनी Industry के PE Ratio से कम है, तो उसका मतलब होता है कि उस कंपनी का PE Ratio Low है, और अगर किसी कंपनी का PE Ratio अपनी Industry के PE Ratio से ज्यादा है, तो उसका मतलब होता है कि उस कंपनी का PE Ratio High है।
चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।
मान लेते हैं कि ABC Limited और XYZ Limited नाम की दो कंपनियाँ हैं, जिनके शेयर की Current Market Price, EPS, और PE Ratio कुछ इस प्रकार है, जैसा कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं।
और जिस Industry में वो कम्पनियाँ हैं, उस Industry का PE Ratio 18 है।
Number | ABC Limited Company | Data |
1. | Share Current Market Price | 300 रूपये |
2. | EPS | 20 रूपये |
3. | PE Ratio | 15 |
Number | XYZ Limited Company | Data |
1. | Share Current Market Price | 600 रूपये |
2. | EPS | 30 रूपये |
3. | PE Ratio | 20 |
तो यहाँ पर हम इन दोनों कम्पनियों के PE Ratio को आपस में और Industry के PE Ratio के साथ Compare करके यह कह सकते हैं कि कंपनी ABC Limited का PE Ratio कंपनी XYZ Limited और Industry के PE Ratio से कम है और कंपनी XYZ Limited का PE Ratio कंपनी ABC Limited और Industry के PE Ratio से ज्यादा है।
इस प्रकार हम एक ही Industry की दो कम्पनियों के PE Ratio को आपस में Compare करके और Industry के PE Ratio के साथ Compare करके यह जान सकते हैं कि किस कंपनी का PE Ratio ज्यादा है और किस कंपनी का PE Ratio कम है।
दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अगर किसी कंपनी का PE (Price-to-Earnings) Ratio अपनी Industry की किसी दूसरी कंपनी के PE Ratio से और अपनी Industry के PE Ratio से कम है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि वो एक अच्छी कंपनी है। ठीक इसी प्रकार, अगर किसी कंपनी का PE Ratio अपनी Industry कि किसी दूसरी कंपनी के PE Ratio से और अपनी Industry के PE Ratio से ज्यादा है तो वो एक ख़राब कंपनी है।
एक Industry की दो कंपनियों के PE Ratio के Comparison से हमें केवल इतना पता चलता है कि किस कंपनी का शेयर Market में हमें सस्ता मिल रहा है और किस कंपनी का शेयर Market में हमें महंगा मिल रहा है।
दोस्तों, हो सकता है कि कई बार हम कम PE Ratio वाली कंपनी के बजाय ज्यादा PE Ratio वाली कंपनी में अपने पैसे Invest करना पसंद करें।
क्योंकि PE Ratio का Connection एक कंपनी की Growth और Profit से जुड़ा होता है। इसलिए, जो कंपनी जितनी ज्यादा Grow करेगी और Profit कमाएगी, उसका PE Ratio भी उतना ही ज्यादा होगा, बजाय कम Growth और कम Profit वाली कंपनी के।
चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।
मान लेते हैं कि 4 कंपनियाँ हैं – A, B, C, और D, जिनके शेयर की Current Market Price, EPS और PE Ratio कुछ इस प्रकार है, जैसा कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं।
Number | Company A (Low Growth Low PE Ratio) | 1 year | 2 year | 3 year |
1. | Share Current Market Price | 200 | 210 | 220 |
2. | EPS | 20 | 21 | 22 |
3. | PE Ratio | 10 | 10 | 10 |
Number | Company B (High Growth High PE Ratio) | 1 year | 2 year | 3 year |
2 | Share Current Market Price | 200 | 700 | 1200 |
3 | EPS | 20 | 25 | 30 |
3 | PE Ratio | 10 | 28 | 40 |
Number | Company C (Negative Growth Low PE Ratio) | 1 year | 2 year | 3 year |
1. | Share Current Market Price | 3000 | 2000 | 900 |
2. | EPS | 120 | 100 | 90 |
3. | PE Ratio | 25 | 20 | 10 |
Number | Company D (High Growth Moderate PE Ratio) | 1 year | 2 year | 2 year |
1. | Share Current Market Price | 100 | 560 | 1800 |
2. | EPS | 10 | 40 | 90 |
3. | PE Ratio | 10 | 14 | 20 |
जैसा कि दोस्तों आप इन चारों कंपनियों की Growth और PE Ratio को देख सकते हैं।
- कंपनी A की Growth भी कम है और PE Ratio भी Low है।
- कंपनी B की Growth ज्यादा है और PE Ratio भी High है।
- कंपनी C की Growth Negative में है और PE Ratio Low है।
- कंपनी D की Growth ज्यादा है, लेकिन PE Ratio Moderate है, मतलब की कंपनी D का PE Ratio मध्यम में है ना ज्यादा है और ना ही कम है।
जब किसी कंपनी की Growth High होती है, लेकिन PE Ratio Moderate होता है, तो इसका यह मतलब हो सकता है कि वो कंपनी एक Cyclical (चक्रीय) कंपनी हो, या किसी Cyclical (चक्रीय) Industry से जुड़ी हो।
Cyclical (चक्रीय) कंपनी या स्टॉक का मतलब होता है कि ऐसे स्टॉक्स या कंपनियाँ जो कभी-कभी तो Market में बहुत अच्छा Perform करती हैं और कभी-कभी बिलकुल भी अच्छा Perform नहीं करतीं हैं, ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स को हम Cyclical (चक्रीय) स्टॉक्स” कहते हैं।
जब देश की Economy (अर्थव्यवस्था) मजबूत होती है, तब Cyclical स्टॉक्स Most Of The Time Market को Outperforme करते हैं, और जब देश की Economy (अर्थव्यवस्था) ज्यादा अच्छी नहीं होती है, तब Cyclical स्टॉक्स ज्यादा कुछ खास Perform नहीं करते हैं। इसलिए, Industry Cyclical स्टॉक्स को High Growth के साथ High Pe Ratio नहीं देती है।
Cyclical स्टॉक्स क्या होते हैं और ये कैसे काम करते हैं ?, इस बारे में हम आने वाले Articles में Details में जानेंगे।
किसी भी कंपनी के PE Ratio को देखने के साथ-साथ हमें इन चार बातों पर और ध्यान देना चाहिए। क्योंकि किसी भी कंपनी का PE Ratio इन Factors पर बहुत ज्यादा Depend करता है, जैसे कि:-
- कंपनी जिस Sector में है, उस Sector की Growth किस तरह से हो रही है।
- जिस कंपनी का PE Ratio हम देख रहे हैं, क्या वो Cyclical (चक्रीय) कंपनी है या नहीं।
- किसी कंपनी का PE Ratio अगर ज्यादा है, तो वो क्यों ज्यादा है और अगर किसी कंपनी का PE Ratio कम है तो वो क्यों कम है।
- जिस कंपनी का PE Ratio हम देख रहे हैं, क्या उस कंपनी की Growth Sustainable (टिकाऊ) है या फिर Temporary (अस्थायी) है।
अगर किसी कंपनी की Growth Sustainable (टिकाऊ) है, तो इसका मतलब होता है कि उस कंपनी का Future में भी अच्छा Perform करने की अधिक संभावना है। और अगर किसी कंपनी की Growth Temporary (अस्थायी) है, तो इसका मतलब होता है कि उस कंपनी को Future में अपनी Growth में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
दोस्तों, हमें इन सभी Factors को जानना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि तभी हम PE Ratio के आधार पर किसी कंपनी के बारे में अपना सही View (दृष्टिकोण) बना पाएंगे कि वह कंपनी Investing के लिए सही है या नहीं।
दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अगर किसी स्टॉक का PE Ratio आज बहुत ज्यादा है, तो Future में जैसे-जैसे उस स्टॉक का EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) बढ़ेगा, वैसे-वैसे उस स्टॉक का PE Ratio कम भी हो सकता है। मतलब कि दोस्तों, यदि आज हम किसी स्टॉक को ज्यादा कीमत पर खरीद रहे हैं, तो Future में जैसे-जैसे उस स्टॉक की Earnings Per Share बढ़ेगी, वैसे-वैसे वो स्टॉक हमें अपने आप ही कम कीमत का लगने लगेगा।
अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि जब किसी कंपनी का EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) बढ़ता है, तो उस कंपनी का PE Ratio कम होने लगता है।
चलिए, इसे एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।
मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है, जिसके शेयर की Current Market Price, EPS और PE Ratio कुछ इस प्रकार है, जैसा कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं।
Number | Company ABC Limited | 1 year | 2 year | 3 year |
1. | Share Current Market Price | 700 | 800 | 1000 |
2. | EPS | 10 | 25 | 50 |
3. | PE Ratio | 70 | 32 | 20 |
तो दोस्तों, जैसा कि आप ऊपर चार्ट में देख सकते हैं, कि कंपनी ABC Limited का EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे उस कंपनी का PE Ratio कम होने लगता है। दोस्तों, कहने का मतलब है कि जो कंपनी आज हमें जिस प्राइस पर Expensive लग रही है, वो आने वाले Future में हमें उसी प्राइस पर सस्ती भी लग सकती है।
7. Low PE Ratio होने के क्या कारण होते हैं ?
किसी भी कंपनी का Low PE (Price-to-Earnings) Ratio होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि :-
- Stock is Undervalued
- Low Growth And Low Profits
- Future Perspective is Not Good
Stock is Undervalued
अगर किसी कंपनी के स्टॉक का PE Ratio Low (कम) है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि वो स्टॉक सच में Undervalued हो सकता है, या फिर यह भी हो सकता है कि अभी तक उस कंपनी या स्टॉक के बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं है, जिसके कारण ज्यादातर लोग उस कंपनी के स्टॉक में अपने पैसे ही Invest नहीं कर पा रहे हों, जिसके कारण हमें उस कंपनी का PE Ratio कम दिखाई दे रहा है।
Undervalued का मतलब होता है कि जब कोई स्टॉक अपनी वास्तविक (Actual) कीमत से कम कीमत पर Market में ट्रेड कर रहा हो, तो उस स्टॉक को हम “Undervalued” स्टॉक कहते हैं।
Low Growth And Low Profits
- PE Ratio Low होने का दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि जिस Industry या Sector में वो कंपनी है, उस Industry की या उस Industry में उस कंपनी की वृद्धि दर (Growth Rate) धीमी हो, जिस वजह से हमें उस कंपनी का PE Ratio कम दिखाई दे रहा हो।
- कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज (Debt) होने के कारण भी उस कंपनी का PE Ratio कम दिखाई दे सकता है।
- कंपनी की Growth Negative (नकारात्मक) में होने पर भी उस कंपनी का PE Ratio कम Show हो सकता है।
- कंपनी के Profits साल दर साल कम होने के कारण भी कंपनी का PE Ratio कम हो सकता है।
Future Perspective is Not Good
PE Ratio कम होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि उस कंपनी का Future Perspective ज्यादा अच्छा नहीं है, या फिर बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। मतलब की Investors को उस कंपनी में या फिर जिस Sector में वो कंपनी है उस Sector में Future में ज्यादा कोई Demand या Growth नहीं दिखाई दे रही है जिस वजह से Investors उस कंपनी में अपने पैसे Invest नहीं कर रहे है, इसलिए कम Investment के कारण उस कंपनी का PE Ratio हमें कम दिखाई दे रहा है।
8. High PE Ratio होने के क्या कारण होते हैं ?
किसी भी कंपनी का High PE (Price-to-Earnings) Ratio होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि :-
- Stock is Overvalued
- High Growth
- Future Perspective is Good
Stock is Overvalued
अगर किसी कंपनी के स्टॉक का PE Ratio High (ज्यादा) है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि वो स्टॉक सच में Overvalued हो सकता है, या फिर यह भी हो सकता है कि उस कंपनी या स्टॉक पर लोग ज्यादा ही Bullish हो, जिसके कारण हमें उस कंपनी का PE Ratio ज्यादा दिखाई दे रहा है।
Overvalued का मतलब होता है कि जब कोई स्टॉक अपनी वास्तविक (Actual) कीमत से ज्यादा कीमत पर Market में ट्रेड कर रहा हो, तो उस स्टॉक को हम “Overvalued ” स्टॉक कहते हैं।
High Growth
PE Ratio High (ज्यादा) होने का दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि वो स्टॉक Genuinely काफी अच्छा Grow कर रहा हो, इसलिए हमें उस स्टॉक का PE Ratio ज्यादा Show हो रहा है।
Future Perspective is Good
PE Ratio High होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि उस कंपनी का Future Perspective बहुत अच्छा है, मतलब की Investors को उस कंपनी के स्टॉक में Future में ज्यादा Demand और Growth दिखाई दे रही है, जिसके कारण ज्यादातर Investors उस कंपनी में अपने पैसे Invest कर रहे है, इसलिए ज्यादा Investment के कारण उस कंपनी का PE Ratio हमें ज्यादा दिखाई दे रहा है।
किसी कंपनी के स्टॉक में ज्यादा Speculation (सट्टेबाज़ी) होने पर भी हमें उस स्टॉक का PE Ratio ज्यादा Show हो सकता है।
दोस्तों, किसी कंपनी का PE Ratio कम या ज्यादा होने का इनमें से कोई एक कारण भी हो सकता है, और सारे कारण भी हो सकते है।
9. हम कैसे किसी भी कंपनी का PE Ratio Check कर सकते हैं ?
दोस्तों, हम Investing.com, Moneycontrol.com और Ticker – Finology जैसी Website पर जाकर किसी भी कंपनी का PE Ratio चेक कर सकते हैं। निचे Ticker – Finology Website पर जाकर हम कैसे किसी भी कंपनी का PE Ratio चेक कर सकते हैं। वो Details में बताया गया है।
इसके लिए आपको बस Google पर जाकर Ticker – Finology Search करना है और उस Site को Open करना है।
Ticker – Finology Site Open करने के बाद, आपको यहाँ पर जिस भी कंपनी का PE Ratio चेक करना है, आपको यहाँ पर उसका नाम डालना है और उसे Search करना है।
कंपनी का नाम Search करने के बाद, आप यहाँ पर “Company Essentials” में उस कंपनी का PE Ratio देख सकते हैं।
Important Points
- PE Ratio से हमें पता चलता है कि एक कंपनी सालाना तौर पर अपने एक शेयर पर जितने पैसे कमा रही है, हम उस पैसे के बदले उस कंपनी के एक शेयर के लिए कितना गुना पैसा Pay कर रहे हैं या Pay करने के लिए तैयार हैं। मतलब कि दोस्तों, PE Ratio हमें बताता है कि हम कंपनी के EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के बदले कंपनी के एक शेयर के लिए कितना गुना पैसा दे रहे हैं या देने के लिए तैयार हैं।
- अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि PE Ratio से हमें यह पता चलता है कि Current Time में एक कंपनी की Share Price Market में अपने EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) के मुकाबले कितने ज्यादा या कितने कम प्राइस पर ट्रेड कर रही है।
- एक कंपनी का PE Ratio कैलकुलेट करने का फार्मूला होता है: PE Ratio = Share Current Market Price / EPS
- PE Ratio तीन प्रकार के होते हैं, जैसे कि Past PE Ratio, Trailing PE Ratio, और Future PE Ratio आदि।
- Past PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Last Financial Year के Data के आधार पर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Past PE Ratio” कहते हैं।
- Trailing PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Last 12 Months के Data के आधार पर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Trailing PE Ratio” कहते हैं।
- Future PE Ratio का मतलब होता है कि जो एक कंपनी के Future Data, जैसे कि EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) और कंपनी की Growth का एक अनुमान लगाकर Calculate किया जाता है, उसे हम उस कंपनी का “Future PE Ratio” कहते हैं।
- PE Ratio से हमें पता चलता है कि एक कंपनी से 1 रुपया कमाने के लिए हमें उस कंपनी में कितने पैसे Invest करने होंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का PE Ratio 20 है, तो उसका मतलब होता है कि उस कंपनी से 1 रुपया कमाने के लिए हमें उस कंपनी में 20 रुपये Invest करने होंगे।
- PE Ratio जितना ज्यादा होता है, वो शेयर उतना ही महंगा होता है, और PE Ratio जितना कम होता है, वो शेयर उतना ही सस्ता होता है।
- हमें कभी भी ज्यादा ऊँचे Valuation पर किसी भी कंपनी के शेयर्स को नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर निवेशक 25 या 30 से अधिक PE Ratio के ऊपर वाले स्टॉक्स को खरीदना पसंद नहीं करते हैं।
- PE Ratio को Calculate करते समय हमेशा कंपनी की Earnings को EPS (Earnings Per Share / प्रति शेयर आय) में Divide किया जाता है, हालांकि, एक कंपनी अपनी Earnings को अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ भी सकती है, मतलब कि उसमें फेरबदल भी कर सकती है, जिसके कारण उस कंपनी के PE Ratio की कैलकुलेशन Misleading हो सकती है।
- किसी कंपनी का PE Ratio देखने के साथ-साथ हमें उस कंपनी की Accounting Policy पर भी ध्यान देना चाहिए, कि कहीं वो कंपनी अपनी Accounting Policy को बार-बार Change तो नहीं कर रही है। अगर कोई कंपनी अपनी Accounting Policy को बार-बार Change कर रही है, तो इसका मतलब है कि वो कंपनी कहीं ना कहीं अपनी Earnings में फेरबदल करने की कोशिश कर रही है।
- कंपनियाँ कई बार अपने Depreciation को कम दिखाकर अपनी Earnings को ज्यादा दिखा देती हैं, इसलिए हमें किसी भी कंपनी के PE Ratio को देखने के साथ-साथ उस कंपनी के Depreciation पर भी नजर रखनी चाहिए।
- Depreciation का मतलब है कि वस्तुओं और चीजों की कीमतों में समय के साथ कमी आना, उन वस्तुओं और चीजों का Depreciation कहलाता है।
- अगर किसी कंपनी की Earnings बढ़ रही है, लेकिन उसका Cash Flow और Sales (बिक्री) नहीं बढ़ रही है, तो इसका मतलब है कि वो कंपनी कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ कर रही है।
- किसी कंपनी का PE Ratio कम है या ज्यादा यह जानने के लिए हमेशा Same Sector की दो कम्पनियों के बीच तुलना की जाती है। अगर हम किसी कंपनी के PE Ratio की तुलना किसी दूसरे Sector की कम्पनियों से करते हैं, तो वो गलत है।
- अगर किसी कंपनी का PE Ratio पिछले पांच दस साल से एक Stable अनुपात में बढ़ रहा है, तो यह एक कंपनी में निवेश के लिए अच्छा Signal है।
- PE Ratio का USE हम एक कंपनी के Current PE Ratio को और उसके Historical PE Ratio को आपस में Compare करने के लिए भी कर सकते हैं। मतलब की अगर किसी कंपनी का Current PE Ratio उस कंपनी के Historical PE Ratio से कम है, तो हम कह सकते हैं कि हमें वह कंपनी अपने Historical PE Ratio से कम कीमत पर मिल रही है, और अगर उस कंपनी का Current PE Ratio उस कंपनी के Historical PE Ratio से ज्यादा है, तो हम कह सकते हैं कि हमें वह कंपनी अपने Historical PE Ratio से ज्यादा कीमत पर मिल रही है।
- अगर किसी कंपनी का PE Ratio High है, तो उसका यह मतलब नहीं है कि वो एक खराब कंपनी है। ठीक इसी प्रकार, अगर किसी कंपनी का PE Ratio Low है, तो उसका भी यह मतलब नहीं है कि वो एक अच्छी कंपनी है।
- कंपनी के Future PE Ratio से हमें पता चलता है कि कोई स्टॉक अपने Future PE Ratio के आधार पर आज हमें कितना सस्ता या कितना महंगा मिल रहा है।
- अगर किसी कंपनी का PE Ratio Zero (0) है, तो इसका मतलब होता है कि वो कंपनी अभी लॉस में है और उसकी कोई Earnings नहीं हैं, इसलिए उस कंपनी का PE Ratio हमें Zero (0) दिखाई दे रहा है।
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So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि PE Ratio क्या होता है ? तो आपको PE Ratio पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे Comments करके जरूर बताइयेगा।
धन्यवाद ।। ”