Future Contract क्या होता है ?

Option Contract क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तों, Bazaareducation में आपका स्वागत है। आज हम इस Article में Future Contract क्या होता है ? इस बारे में Complete Details में जानने वाले हैं।

जैसे कि ;- 1. Future Contract क्या होता है ?

2. Future और Forward Contract में क्या Difference होता है ?

3. Future Market में हम कैसे Trade कर सकते हैं ?

1. Future Contract क्या होता है ?

Future Contract दो पार्टियों के बीच होने वाला एक Financial Contract होता है।

जिसमें दो पार्टियाँ Exchange के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर किसी Asset, Commodity, या किसी Security की एक Fix Quantity का सौदा या Contract करती है, उसे हम Future Contract कहते हैं।

चलिए, इसे हम एक Example के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं कि “Future Contract” क्या होता है ?

मान लेते हैं कि एक ABC Limited नाम की कंपनी है जिसके शेयर की Current में Market Price 200 रुपये चल रही है।

अब मान लेते हैं कि कोई “A” नाम का एक ट्रेडर है, जिसे उस कंपनी के Fundamentals, Chart History, और Market के Sentiment को देखकर लगता है कि आगे आने वाले एक महीने में इस ABC Limited कंपनी के शेयर की Price 200 रूपये से बढ़कर 230 रूपये तक पहुंच सकती है। इसलिए, वह उस कंपनी के 5,000 शेयर्स खरीदने के बारे में सोचता है, लेकिन, वह अभी उन 5,000 शेयर्स को नहीं खरीदना चाहता है। वह चाहता है कि एक महीने बाद ही कोई उसे इस कंपनी के 5,000 शेयर्स 200 रुपये की कीमत में ही उपलब्ध करा दे। और वह उन 5,000 शेयर्स को 230 रुपये की कीमत में बेचकर Profit कमा ले।

दोस्तों, अब मान लेते हैं कि कोई “B” नाम का एक ट्रेडर है, जिसे उसी कंपनी के Fundamentals, Chart History, और Market के Sentiment को देखकर लगता है कि इस कंपनी के शेयर की कीमत अब 200 रुपये से और ज्यादा नहीं बढ़ने वाली है। उसे लगता है कि आगे आने वाले समय में इस कंपनी के शेयर की कीमत 200 रुपये से घटकर 180 रुपये हो जाएगी। इसलिए, “B” नाम का ट्रेडर उस कंपनी के 5,000 शेयर्स को Short करना चाहता है, मतलब कि “B” नाम का ट्रेडर उस कंपनी के 5,000 शेयर्स को 200 रुपये की कीमत में बेचना चाहता है।

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यहाँ पर “A” नाम के ट्रेडर और “B” नाम के ट्रेडर दोनों को ही यह पक्का पता नहीं है कि आगे आने वाले समय में उस कंपनी के शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे आएगी। वो तो बस उस कंपनी के Fundamentals, Chart History, और Market के Sentiment को देखकर अपने-अपने Analysis के आधार पर उस कंपनी के शेयर की कीमत का एक अनुमान लगा रहे हैं, कि वह किस दिशा में जा सकती है।

तो दोस्तों, ऐसी Situation में, “B” नाम का ट्रेडर “A” नाम के ट्रेडर से कहता है कि तुम एक महीने बाद उस ABC Limited कंपनी के 5,000 शेयर्स 200 रूपये की Price में मुझसे खरीद लेना। चाहे उस समय उसके शेयर की कीमत कितनी भी हो, मैं तुम्हें एक महीने बाद उस ABC Limited कंपनी के 5,000 शेयर्स 200 रुपये की कीमत में उपलब्ध करा दूंगा।

इसके लिए “A” और “B” नाम के ट्रेडर्स आपस में एक Contract (अनुबंध) साइन करते हैं, जिसमें उस Contract का Time Period, मतलब कि कितने दिनों के लिए वह Contract किया गया है, वो और शेयर्स की संख्या और शेयर की प्राइस लिखी होती है, जिस प्राइस पर वह Contract तय किया गया है।

तो दोस्तों, इस तरह के Contract (अनुबंध) को ही हम “Future Contract” कहते हैं, जिसमें दो पार्टियाँ Exchange के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ किसी Asset, Commodity, या किसी Security की एक Fix Quantity को आज की Price में Future के किसी Fix Time Period में खरीदने या बेचने का Contract करती हैं, उसे हम Future Contract कहते हैं।

दोस्तों, इस Contract के Last Time तक अगर ABC Limited कंपनी के शेयर की प्राइस 200 रुपये से बढ़कर 230 या 240 रुपये हो जाती है, तो इस Situation में “A” नाम के Trader को Profit होगा। और अगर Contract के Last Time तक ABC Limited कंपनी के शेयर की प्राइस 200 रुपये से घटकर 170 या 180 रुपये हो जाती है, तो इस Situation में “B” नाम के ट्रेडर को Profit होगा।

नोट:- इस Example में आप शेयर्स की जगह किसी भी अन्य Asset, Commodity, या Currency को भी ADD कर सकते हैं, जैसे कि ;- USD/INR, EUR/INR, GBP/INR, JPY/INR, Gold, Silver, Energy, Oil, Spices, Wheat, Rice, Cotton आदि।

दोस्तों, यह केवल एक काल्पनिक Example है। मुझे उम्मीद है कि आपको इस Example के माध्यम से समझ में आ गया होगा कि “Future Contract” क्या होता है ?

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि “Future Contract” “Forward Contract” का ही एक नया रूप है, जिसे “Forward Contract” की कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया है।

2. Future और Forward Contract में क्या Difference होता है ?

जैसा कि हमने ऊपर बात की “Future Contract” “Forward Contract” का ही एक नया रूप है, जिसे “Forward Contract” की कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया है। तो अभी हम Future और Forward Contract में Difference से, Forward Contract की कमियों को जानेंगे, जिन्हें Future Contract में सुधारा गया है।

1. Forward Contract एक प्रकार का Over-The-Counter (OTC) Derivative Contract होता हैं जो दो पार्टियों के बीच में बिना किसी Mediator जैसे कि Exchange को सामिल किए बिना आपसी सहमति से किया जाता हैं, इसलिए इनमें Default Risk होने की संभावना बनी रहती है। जबकि, Future Contract एक प्रकार का Exchange-Traded Derivative Contract होता हैं जिनको हम Exchange के माध्यम से आसानी से Buy और Sell कर सकते हैं। Future Contract में Exchange दो पार्टियों के बीच में एक Mediator के रूप में काम करता है। इसलिए, Future Contract में Default Risk होने की कोई संभावना नहीं रहती है।

2. Forward Contract में, अगर कोई Contract किसी Party के पक्ष में नहीं जाता है, तो सामने वाली Party अपने किए गए Contract से मुकर भी सकती है। जिसकी वजह से दूसरी Party को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, और इस स्थिति में दोनों पार्टियों को कोर्ट में भी जाना पड़ सकता है। जबकि, Future Contract में इस तरह के Default Risk होने की कोई संभावना नहीं होती है।  

3. Forward Contract दो पार्टियों के बीच में आपसी सहमति से किया जाता है। इसलिए इसमें Liquidity का जोखिम भी बना रहता है। क्योंकी Forward Contract में हम अपना सामान किसी तीसरी Party को उसी Price पर नहीं बेच सकते हैं जिस Price पर हमने दूसरी Party से Contract किया था। मतलब कि अगर Forward Contract में सामने वाली Party किसी भी Reason के कारण सामान खरीदने से मना कर देती है, तो हम अपना सामान उसी Price पर किसी तीसरी Party को नहीं बेच सकते हैं जिस Price पर हमने दूसरी Party से Contract तय किया था। क्योंकि Forward Contract केवल दो लोगों या दो पार्टियों के बीच में आपसी सहमति से किया जाता है, इसलिए इसमें कोई Multiple Buyers और Sellers मौजूद नहीं होते हैं। जबकि, Future Contract में Liquidity का कोई भी जोखिम नहीं होता है क्योंकि Future Contract में Exchange पर Multiple Buyers और Sellers मौजूद होते हैं।

4. Forward Contract में कोई Middle Man नहीं होता है, और ना ही कोई Regulatory या Authority Body (निकाय) होती है जो इसे Operate करती हो। इसलिए, इसमें किसी भी तरह के Default Risk या Regulatory Risk होने की संभावना बनी रहती है। जबकि, Future Contract में Exchange और Broker एक Mediator के रूप में काम करते है और सेबी एक Regulatory या Authority Body (निकाय) के रूप में काम करती है, जो कि पूरे Stock Market या Future Market को Operate करती है। जिसकी वजह से Future Contract या Future Market में किसी भी तरह के Default Risk होने की संभावना ना के बराबर होती है।

5. Forward Contract को हम अपनी जरूरत के According Customize कर सकते हैं। यानी कि Forward Contract में हम अपनी जरूरत के According किसी भी Asset, Commodity, या किसी भी Security की एक Fix Quantity का सौदा या Contract कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि किसी नूडल्स बनाने वाली ABC Limited नाम की कंपनी को अपना बिजनेस चलाने के लिए हर साल 50 क्विंटल या फिर 100 क्विंटल गेहूँ की जरूरत होती है। तो वह ABC Limited नाम की कंपनी अपनी जरूरत के अनुसार उतने क्विंटल गेहूँ का Contract किसी भी किसान या मंडी विक्रेता के साथ कर सकती है। जबकि, Future Contract को हम अपनी जरूरत या इच्छा के According Customize नहीं कर सकते हैं। मतलब कि Future Contract में हम अपनी जरूरत के According किसी भी Asset, Commodity या किसी भी Security की एक Fix Quantity का सौदा या Contract नहीं कर सकते हैं। जैसे कि मान लीजिए कि हमें Future Market में अपनी इच्छा के अनुसार किसी कंपनी के 50, 100, 150, 180, 300, या 1000 शेयर्स का Contract करना है तो वह हम नहीं कर सकते हैं। क्योंकि Future Market में पहले से ही कंपनियों के शेयर्स की एक Lot Size तैयार की जाती है और प्रत्येक कंपनी के एक Lot में शेयर्स की संख्या भी अलग-अलग होती है। जैसे कि किसी कंपनी के एक Lot में शेयर्स की संख्या 40, 70, 125, 270, 580, 600, या 1000 कुछ भी हो सकती है और Future Market में ट्रेडिंग करने के लिए हमें कंपनियों के शेयर्स के Lots को खरीदना होता है।

6. Forward Contract में, हम समय से पहले किसी भी Contract को Cancel नहीं कर सकते हैं। और अगर हम ऐसा करना चाहते हैं, तो इसके लिए हमें सामने वाली Party को मनाना होता है। और अगर सामने वाली Party इसके लिए हमें अनुमति नहीं देती है, तो हम उस Contract को समय से पहले बीच में Cancel नहीं कर सकते हैं। जबकि Future Contract में, हम समय से पहले Contract को Cancel भी कर सकते हैं और उससे बाहर भी निकल सकते हैं। 

7. Forward Contract में हम जितने दिन का चाहें उतने दिन का Contract साइन कर सकते हैं, जैसे कि एक महीने के लिए, तीन महीने के लिए, छः महीने के लिए, एक साल के लिए, दो साल के लिए या फिर तीन साल के लिए। जबकि Future Contract में हम तीन अलग-अलग Time Period के लिए ही Contract को साइन कर सकते हैं, जैसे कि एक महीने के लिए, दो महीने के लिए, और तीन महीने के लिए।

8. Forward Contract में हमें सामने वाली Party को Contract के सभी पैसे देने होते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि कोई ABC Limited नाम की एक कंपनी है, जो किसी किसान के साथ 21 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 100 क्विंटल गेहूँ का Contract करती है। तो उस ABC Limited नाम की कंपनी को उस किसान को 21 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उन 100 क्विंटल गेहूँ का जितना पैसा बनता है, वह पूरा पैसा Pay करना होता है। जबकि Future Contract में हम Contract की Total Value का केवल 20 या 25 प्रतिशत Margin Money देकर कोई भी Contract साइन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि अगर हमें किसी कंपनी के शेयर्स का एक Lot खरीदना है, जिसकी कीमत 5 लाख रुपये है, तो हम केवल 1 लाख या 1 लाख 25 हजार रुपये देकर ही उस कंपनी के शेयर्स का 5 लाख रुपये का एक Lot खरीद सकते हैं।

9. Forward Contract में, Contract का Settlement Delivery और Cash दोनों तरह से किया जाता है, जबकि Future Contract में Contract का Settlement केवल Cash के माध्यम से किया जाता है। Future Contract में, हमें सामने वाली Party को किसी भी Asset, Commodity या किसी भी Security की Delivery नहीं करनी पड़ती है। Future Contract में हमें बस दो कीमतों के बीच का जो PriceDifference होता है, वह सामने वाली Party को Pay करना होता है।

अगर आप Delivery और Cash Settlement के बारे में Details में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आप हमारा Forward Contract पर लिखा हुआ Article पढ़ सकते हैं।

3. Future Market में हम कैसे Trade कर सकते हैं ?

Future Market में Trading करने के लिए आपके पास एक Demat और Trading Account होना जरूरी होता है, और उसमें भी F&O मतलब की Future And Option का Segment Active होना आवश्यक है। अगर आपके पास Demat और Trading Account है पर उसमें Future And Option का Segment Active नहीं है, तो आप Future And Option दोनों Market में Trading नहीं कर पाएंगे।

Future And Option का Segment Active करवाने के लिए आपको Income Proof की आवश्यकता होती है, जैसे कि पिछले 6 महीनों की आपकी बैंक स्टेटमेंट या फिर आपकी सैलरी स्लिप।

दोस्तों, आप किसी भी Discount Broker के पास अपनी कुछ Basic Information और Income Proof के माध्यम से अपना Demat और Trading Account Open करवा सकते हैं और उसमें आसानी से Future And Option का Segment Active भी कर सकते हैं। उसके बाद आप Future And Option दोनों Market में Trading कर पाएंगे।

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि Forward और Future Contract को हम Forward Market और Future Market के नाम से भी जानते हैं।

नोट ;- Future Market में ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए, Future Market में ट्रेडिंग करने से पहले आपको Future Market को अच्छे से समझना चाहिए, उसके बारे में अच्छे से Analysis करना चाहिए, और अपने Risk और Capital को अच्छे से Manage करने के बाद ही आपको Future Market में ट्रेडिंग करनी चाहिए। नहीं तो आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

Important Points

  • Future Contract दो पार्टियों के बीच होने वाला एक Financial Contract होता है। जिसमें दो पार्टियाँ Exchange के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ एक Fix Time Period के लिए और एक Fix Price पर किसी Asset, Commodity, या किसी Security की एक Fix Quantity का सौदा या Contract करती है, उसे हम Future Contract कहते हैं।
  • अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, कि Future Contract क्या होता है, तो इसे हम ऐसे कह सकते हैं कि जिसमें दो पार्टियाँ Exchange के माध्यम से आपस में एक दूसरे के साथ किसी Asset, Commodity, या किसी Security की एक Fix Quantity को आज की Price में Future के किसी खाश या Fix Time Period में खरीदने या बेचने का Contract करती हैं, उसे हम Future Contract कहते हैं।
  • Future Contract “Forward Contract” का ही एक नया रूप है, जिसे “Forward Contract” की कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया है।
  • Future Contract को हम एक निश्चित समयावधि के लिए ही कर सकते हैं, जैसे कि सामान्यत: एक महीने के लिए, दो महीने के लिए, और तीन महीने के लिए। इससे ज्यादा समयावधि के लिए हम Future Contract को नहीं कर सकते हैं।
  • Future Contract Exchange-Traded Derivative Contract होते हैं, मतलब कि इन्हें Exchange के माध्यम से ट्रेड किया जाता है।
  • Future Trading एक अत्यधिक जोखिम वाला काम होता है। इसलिए, हमें Future Market में तभी ट्रेड करना चाहिए जब हम इसके बारे में सब कुछ अच्छे से जानते हों, नहीं तो हमें इसमें काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
  • Future Contract में, हम सौदे का Settlement Daily Basis पर भी कर सकते हैं, लेकिन सौदे का Final Settlement महीने के अंतिम गुरुवार को होता है। और यदि महीने के अंतिम गुरुवार को कोई छुट्टी है, तो यह Settlement उससे एक दिन पहले या उसके एक दिन बाद में भी किया जा सकता है।
  • Future Contract का उपयोग कई कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि Portfolio को Diversify करने के लिए, Portfolio को Hedge करने के लिए, और Speculation करने के लिए।

NOTE;- अगर आपके पास अभी तक Demat और Trading Account नहीं है, तो आप निचे दिए गए Link पर Click करके भारत के प्रमुख Discount Broker के पास अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं और Stock Market में Invest कर सकते हैं।

So I Hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Future Contract क्या होता है ? तो आपको Future Contract पर हमारा यह Article कैसा लगा, निचे Comments करके जरूर बताइयेगा।

धन्यवाद ।। ”

 

 

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