Revenue का सम्बन्ध एक कंपनी की आय, अर्थात Income से होता है।

एक कंपनी अपने Products और Services को बेचकर जो पैसा कमाती है, उसे हम उस कंपनी का Revenue कहते हैं। कंपनियों द्वारा यह पैसा तिमाही (Quarterly) या वार्षिक (Annually) आधार पर मापा जाता हैं।

अगर आसान शब्दों में कहा जाए, तो हम कह सकते हैं कि Revenue एक कंपनी का वह पैसा होता है जो कंपनी द्वारा अपने Products और Services को बेचकर कमाया जाता है।

एक कंपनी के Revenue को कैलकुलेट करने का फार्मूला होता है Revenue = (Price Per Product Or Service) x (Total Number Of Products Or Services Sold) + Additional Income

Revenue एक Financial Metric (मापक) होता है जो हमें एक कंपनी द्वारा अपने Products और Services को बेचकर कमाए गए पैसे की जानकारी देता है।

Revenue से हमें एक कंपनी की आर्थिक स्थिति का भी पता चलता है।

एक कंपनी के Revenue को उस कंपनी की टॉप लाइन भी कहा जाता है क्योंकि Revenue प्रत्येक कंपनी के Income Statement में सबसे ऊपर लिखा होता है।

जब किसी कंपनी का Revenue  (राजस्व) अधिक होता है, तब उस कंपनी का Market Cap (बाजार पूंजीकरण) भी अधिक होता है। अर्थात जितना ज्यादा किसी कंपनी का Revenue होगा, उतनी ही ज्यादा Market में उस कंपनी की value बढ़ेगी।

और जब किसी कंपनी का Revenue कम होता है, तब उस कंपनी का Market Cap भी कम होता है। अर्थात जैसे-जैसे एक कंपनी का Revenue कम होता जाता है, वैसे-वैसे ही उस कंपनी की Market में value भी कम होती जाती है।

Revenue का उपयोग एक कंपनी अपने खर्चे Pay करने के लिए भी करती है।

दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि Revenue दो प्रकार के होते हैं। 1. Operating Revenue 2. Non - Operating Revenue

Operating Revenue और Non - Operating Revenue के अलावा भी, कुछ अन्य प्रकार के Revenue भी होते हैं, जैसे कि :- 1. Sales Revenue 2. Investment Revenue 3. Service Revenue 4. Royalty Revenue

एक कंपनी के Revenue को देखकर हम उस कंपनी की Financial Health, Growth और उस कंपनी के Future Prospects का भी अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में यह कंपनी Successful होगी या नहीं।

दोस्तों, कंपनी के Revenue को देखकर एक Investor या Shareholder उस कंपनी के Business की Financial Stability को भी अच्छे से माप सकता है।

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